नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में हो रहे संसद के मानसून सत्र के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल में कुछ बड़े बदलाव करेंगे। बताया जा रहा है कि सत्र के दौरान ही भाजपा को अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष भी मिल जाएगा। इसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री और उनकी टीम फिलहाल मंत्रियों के प्रदर्शन की समीक्षा कर रही है। इसी के आधार पर मंत्रिमंडल में बदलाव किए जाएंगे।
कम सक्रिय मंत्रियों की जा सकती है कुर्सी:
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की रिपोर्ट के मुताबिक, जो मंत्री कम सक्रिय हैं, खासतौर पर जिनकी सोशल मीडिया पर कम मौजूदगी है या सार्वजनिक पहुंच सीमित है, उन्हें हटाया जा सकता है। यही वजह है कि कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों ने हाल ही में सोशल मीडिया पर अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। भाजपा ने जुलाई में नए अध्यक्ष का ऐलान करने और अगस्त के दूसरे सप्ताह तक मंत्रिमंडल को नया रूप देने का लक्ष्य रखा है।
राज्य के अध्यक्ष के नामों का जल्द होगा ऐलान:
भाजपा ने उत्तर प्रदेश, हिमाचल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अध्यक्ष की घोषणा नहीं की है। उम्मीद है कि मानसून सत्र से पहले यहां अध्यक्षों का ऐलान हो जाएगा। दरअसल, पार्टी का संविधान कहता है कि जब तक आधे राज्यों में अध्यक्ष नियुक्त नहीं हो जाते, तब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन नहीं हो सकता। 4 से 6 जुलाई तक दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भी अहम बैठक है। इसमें नामों पर चर्चा हो सकती है।
क्यों लग रही मंत्रिमंडल में बदलाव की अटकलें:
प्रधानमंत्री ने तीसरे कार्यकाल के लिए अपनी टीम में कुछ गठबंधन सहयोगियों को समायोजित करने के अलावा कोई बड़ा फेरबदल नहीं किया था। इसके बाद संगठन चुनाव और पहलगाम हमले के चलते बदलाव नहीं हो सके। अब विधानसभा चुनावों को देखते हुए फेरबदल किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि नए भाजपा अध्यक्ष की दौड़ में कुछ चेहरे मंत्रिमंडल में से भी हैं। ऐसे में अगर कोई मंत्री अध्यक्ष बना तो मंत्रिमंडल में फेरबदल होना तय है।