अनिल सामंत//जगदलपुर: जगदलपुर शहर के संजय गांधी वार्ड में शनिवार सुबह रेलवे प्रशासन ने अवैध कब्जों पर बड़ी कार्रवाई की। रेलवे की जमीन पर करीब 40 साल से झुग्गी बस्ती बनाकर रह रहे 32 परिवारों के मकानों को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया। अचानक हुई इस कार्रवाई से इलाके में हंगामा मच गया और कई परिवारों को अपने बच्चों समेत सड़क पर आना पड़ा।
कार्रवाई से मची अफरातफरी
रेल प्रशासन के आईडब्ल्यू सेक्शन की टीम जब पुलिस बल और आरपीएफ जवानों के साथ पहुंची, तब लोगों को अपने घरों का सामान निकालने का भी समय नहीं मिला। देखते ही देखते जेसीबी और पोकलेन मशीनों से झुग्गियां तोड़ी जाने लगीं। कई परिवारों के घरों में रखे अलमारी, टीवी, बर्तन और कपड़ों समेत जरूरी सामान मलबे में दब गए।
त्योहार से पहले कार्रवाई पर सवाल
स्थानीय लोगों ने रेलवे प्रशासन की कार्रवाई की टाइमिंग पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि दीपावली जैसे बड़े त्योहार से ठीक पहले गरीब परिवारों को बेघर कर देना संवेदनहीनता है। कई लोगों ने कहा कि अब वे अपने बच्चों के साथ त्यौहार कैसे मनाएंगे।
नोटिस के बाद की गई कार्रवाई
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह जमीन रेलवे की है और पिछले कई वर्षों से कब्जे में थी। वर्ष 2022 में नोटिस जारी कर कब्जा खाली करने को कहा गया था। इसके बाद 30 सितंबर को अंतिम नोटिस जारी किया गया और 11 अक्टूबर को कार्रवाई की गई। प्रशासन ने दावा किया कि पुलिस और स्थानीय प्रशासन को पूर्व सूचना दी गई थी।
कांग्रेस ने बताया अन्यायपूर्ण, भाजपा ने दी सफाई
कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुशील मोर्य ने इस कार्रवाई को “गैरकानूनी” बताया और कहा कि बिना पूर्व सूचना के मकान तोड़े गए। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि गरीबों को पीएम आवास देने के नाम पर केवल वादे किए जा रहे हैं।
वहीं, भाजपा के महापौर संजय पांडे ने कहा कि कांग्रेस केवल राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सभी प्रभावित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराया जाएगा और किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।
रेलवे प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह वैधानिक थी और रेलवे की संपत्ति को मुक्त कराने के लिए आवश्यक थी। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि आगे भी ऐसी अवैध बस्तियों पर कार्रवाई जारी रहेगी।