उज्जैन : बाबा महाकाल हर साल श्रावण-भाद्रपद मास में शाही सवारी पर सवार होकर नगर भ्रमांड पर निकलते है। इसी कड़ी में इस साल भी बाबा महाकाल शाही सवारी में सवार होकर अलग अलग रूपों में भक्तों को दर्शन देंगे। जिसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। साथ ही कलेक्टर ने श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन के लिए अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए है।
14 जुलाई से 18 अगस्त तक निकाली जाएगी शाही सवारी
बता दें कि शाही सवारी 14 जुलाई से 18 अगस्त तक निकाली जाएगी। जहां बाबा महाकाल छह अलग अलग रूपों में भक्तों को दर्शन देंगे। साथ ही इस बार भक्तों के सेल्फी लेने पर पाबंदी लगा दी गई है। तो वही भस्म आरती के समय में भी बदलाव कर दिया गया है। श्रावण-भाद्रपद मास में भगवान महाकाल की भस्म आरती सोमवार को 2:30 से 4:30 बजे तक होगी।
छह सवारी निकलेगी
मान्यता है कि बाबा महाकाल प्रजा का हाल जानने के लिए श्रावण-भादौ मास में प्रत्येक सोमवार को निकलते है. इसलिए उनकी सवारी के दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु आते है. इस बार श्रावण की पहली सवारी,14 जुलाई, 21 जुलाई, तीसरी 28 जुलाई, चौथी 4 अगस्त को निकलेगी जायेगी. भादौ मास में पंचम सवारी 11 अगस्त ओर राजसी (शाही) सवारी 18 अगस्त को निकलेगी.
यह रहेगा सवारी मार्ग
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी, मंदिर के सभामंडप में विधिवत पूजन-अर्चन के पश्चात महाकाल लोक, गुदरी चौक, बख्शी बाजार, कहारवाड़ी होकर रामघाट (शिप्रा तट) पहुंचेगी। यहां पूजन के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौक, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए वापस मंदिर पहुंचेगी। राजसी सवारी 18 अगस्त को इसी मार्ग के अतिरिक्त मिर्जा नईम बेग, तेलीवाड़ा चौक, कंठाल, सतीगेट, सराफा होकर निकलेगी।
भस्म आरती का समय बदलेगा
श्रावण-भाद्रपद मास (11 जुलाई से 18 अगस्त) तक भस्म आरती के लिए मंदिर के पट सुबह 3 बजे खुलेंगे। प्रत्येक सोमवार को 2:30 बजे। आरती का समय सामान्य दिनों में सुबह 3 से 5 बजे और सोमवार को 2:30 से 4:30 बजे तक रहेगा।