भोपाल : मध्यप्रदेश की कमान संभालने के बाद से सीएम मोहन लगातार कर्ज पे कर्ज ले रहे है। जिसकी वजह से प्रदेश पूरी तरह से कर्ज में डूब गया है। सीएम मोहन ने 31 मार्च को 3.75 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज लिया था। तो वही नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के बाद सीएम मोहन एक बार फिर 5000 हजार करोड़ का लोन लेने जा रहे है। यह लोन दो किस्तों में 06 मई को लिया जायेगा। जिसको चुकाने की अवधि 12 और 14 साल तय किया गया है।
दो अलग अलग किश्तों में सरकार लेगी कर्ज
बता दें कि मोहन सरकार 2500 की दो अलग अलग किश्तों में उधार लेगी। जिसके चलते मध्य प्रदेश में टोटल कर्ज बढ़कर 4.21 लाख करोड़ रूपए हो जायेगा। इधर, कर्ज को लेकर वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरकार राज्य में विकास योजनाओं को गति देने के लिए यह कर्ज लेती है। राज्य सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) के तीन प्रतिशत तक कर्ज लेने की सीमा में है। आधा प्रतिशत कर्ज ऊर्जा और नगरीय विकास के क्षेत्र में आधारभूत सुधार करने पर लिया जा सकता है. वैसे अब तक जितना कर्ज लिया गया है, वो राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के दायरे में रहा है।
इस वर्ष का कर्ज 32,000 करोड़ रुपए
बता दें कि सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के अंतिम महीने मार्च 2024 में ही सरकार ने रिकॉर्ड 20,400 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। यह किसी एक माह में लिया गया अब तक का सर्वाधिक ऋण है। पूरे पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने कुल 61,400 करोड़ रुपए का कर्ज उठाया, जबकि 2025 के पहले 3 महीनों में ही राज्य सरकार 27 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। अब मई में 5 हजार करोड़ रुपए का नया कर्ज लेने से इस वर्ष का कर्ज 32,000 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।
विकास कार्यो के लिए सरकार लेगी कर्ज
दरअसल, सरकार यह कर्ज प्रदेश में विकास कार्यो को बढ़ावा देने के लिए ले रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में लाड़ली बहना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, छात्रों को मुफ्त स्कूटी-लैपटॉप जैसे तमाम योजनाएं चल रही हैं, जिसको जारी रखने के लिए सरकार यह कर्ज ले रही है।