अमित शाह अशोकनगर : मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान जारी है। वही प्रदेश की अन्य लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। इसी कड़ी में 26 अप्रैल को गुना लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे अमित शाह ने मौजूदा सासंद केपी यादव को चुनाव के बाद बड़ी जिम्मेदारी देने की बात कही दी। जिसके बाद से सियासी गलियारों में तरह तरह के मायने लगाए जाने लगे है।
दरसअल, अशोकनगर में महाराज सिंधिया के पक्ष में अमित शाह ने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान अमित शाह ने यादव वर्ग को साधने के लिए कहा कि गुना वालों के लिए दो नेता मिलेंगे। एक ज्योतिरादित्य सिंधिया और दूसरा केपी यादव। शाह ने आगे कहा कि केपी यादव ने क्षेत्र के लिए बहुत कुछ किया है, इसलिए केपी यादव की चिंता मुझ पर छोड़ दो, केपी को आगे बढ़ाने का काम मेरा है।
केपी को बफादारी का फल?
अमित शाह के इस बयान के बाद से राजनीतिक गलियारों में जोरो से चर्चा होने लगी है। चर्चा है कि लोकसभा चुनावों के बाद केपी यादव को बीजेपी बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। बीजेपी ने केपी को टिकट नहीं देने के बदले बड़ा प्लान तैयार किया है। माना जा रहा है कि बीजेपी केपी यादव को एमपी या फिर केंन्द्र सरकार में कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। या फिर संगठन में कोई बड़ा पद दिया जा सकता है।
आपको बता दें कि गुना लोकसभा सीट से बीजेपी ने इस बार केपी यादव का टिकट काटकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रत्याशी बनाया है। गुना लोकसभा सीट सिंधिया परिवार की पारंपरिक सीट रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां से 4 बार सांसद रहे है। पिछला लोकसभा का चुनाव सिंधिया ने यहां से कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था, लेकिन वह अपने ही करीबी रहे केपी यादव से चुनाव हार गए थे।
दिग्विजय की राजनीति से विदाई
राजगढ़ लोकसभा के खिलचीपुर में सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने दिग्विजय पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राजगढ़ को बंटाढार करना है क्या?। उन्होंने कहा अब इनकी राजनीति से परमानेंट विदाई देने का समय आ गया है। और उनकी विदाई आपको करना है। आशिक का जनाजा है, जरा धूम से निकले। यही कहने आया हूं।