मंडीदीप। औद्योगिक नगर में गुुरुवार को हरदा जिले के टिमरनी से एक बारात आई, जिसमें दूल्हे की उम्र 21 वर्ष से कम पाई गई। महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी गिरीश चैहान और उनकी टीम ने मौके पर पहुंचकर बाल विवाह रुकवाया। उन्हें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के कानून का हवाला देते हुए समझइश दी। पंचनामा बनाकर वर और वधू दोनों पक्षों के माता-पिता और परिजनों को सख्त हिदायत दी। बालक की उम्र 21 वर्ष और बालिका की उम्र 18 वर्ष की होने पर ही विवाह करें, अन्यथा कानूनन कार्रवाई की जाएगी।
21 वर्ष होने तक नहीं करेंगे विवाह
बारात में आए दूल्हे के पिता और परिजनों ने पंचनामें पर हस्ताक्षर करते हुए यह विश्वास दिलाया कि वे बालक की उम्र 21 वर्ष की होने के बाद ही विवाह करेंगे। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए टीम के सदस्यों को आश्वासन दिलाया। इस पर टीम ने पंचनामा बनाकर हिदायत देते हुए बाल विवाह रुकवाया।
बाल विवाह की मिली थी सूचना
महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी गिरीश चौहान ने बताया जो लोग यह मानते हैं कि बाल विवाह नहीं होते उनके लिए यह एक उदाहरण है। गुरुवार को सूचना मिली कि क्षेत्र में बाल विवाह हो रहा है। टीम ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाया। उन्हें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के की जानकारी देते हुए कहा जब तक बालक बालिका की उम्र कानून विभाग योजना हो आप विवाह नहीं करेंगे, अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जागरूक बनें, जानकारी दें
कृषक सहयोग संस्थान के जिला समन्वयक अनिल भवरे ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम अंतर्गत बाल विवाह अपराध है। इस जानकारी से लोगों को अवगत करा रही है। इसके बावजूद भी समाज में जानकारी के अभाव में लोग बाल विवाह करने पर तुले हैं। हमें यह भ्रांति भी दिमाग से निकली होगी कि बाल विवाह सिर्फ बालिकाओं का ही होता है। उन्होंने आह्वान किया कि यदि कहीं पर भी बाल विवाह होता पाएं तो आप जिम्मेदार संस्था को सूचित करे।