सूरजपुर एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के अमेरा, आमगांव और रेहर परियोजना कोयले की खान में कोयला चोरी रुकने का नाम नही ले रहा जिससे सरकार को रोजाना लाखो का नुकसान हो रहा है। रोजना खदानों में पूरे गांव के लोग कोयला चोरी करने जाते है। जिसमे पुरूष महिला और बच्चे सामिल रहते है। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है। यह लोग मजदूर नहीं है, बल्कि खदान के आस पास के ग्रमीण है जो रोज बड़ी संख्या में कोयला चोरी करते जबकि एसईसीएल प्रबंधन को सब मालूम है। पर अभी तक इसे रोकने के लिए बड़ी कार्यवाही नही किया गया है।
रोकथाम के लिए नहीं उठाया जा रहा कोई कदम:
यह लोग खुलेआम सैकड़ो की संख्या में कोयले की अवेद्य रूप से चोरी करते नजर आते हैं। और ना ही पुलिस प्रशासन इस और कोई ध्यान देती है। जिसकी वजह से कोल इंडिया को हर रोज लाखों रुपए का नुकसान होता है। और राजस्व का राज्य सरकार को बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है। इसकी रोकथाम के लिए आखिर एसईसीएल प्रबंधन सहित शासन क्यों चुप्पी साधे हुआ है।
रोजाना उत्पादन का 20% हिस्सा चोरी :
जबकि यह ग्रामीण सैकड़ो की संख्या में रोज कई लाख मूल्य की कोयले की हेरा फेरी करते है। इस संबंध में एसईसीएल का कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने से कतराते जबकि काले हीरे का खेल यह कोई नई बात नहीं है। इस प्रकार का माजरा हर रोज देखने को मिल जाता है। अगर श्रमिक नेता की बात करें तो कंपनी की उत्पादन का 20% का हिस्सा रोज इन लोगों के द्वारा चोरी किया जाता है।
विधायक भूलन सिंह क्या लेंगे एक्शन?
साथ ही मना करने पर यह पर लगे कर्मचारी अधिकारियों के साथ मारपीट करते है वहीं विधायक भूलन सिंह ने कहा की "मुझे भी कोयला चोरी होने की जानकारी मिली है मैंने एसीसीएल के अधिकारियों और प्रशासन को इसमें रोक लगाने के साथ कार्यवाही करने को कहा है।"
बहरहाल अब देखना यह होगा की अब इस मामले में कब तक कोई कार्रवाई की जाती है। या फिर प्रशासन कब तक आँखों पर पट्टी लिए बैठे रहेंगे ।