भोपाल : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार महिलाओं, पुरषों के साथ साथ दिव्यागों के सशक्तिकरण पर लगातार काम कर रही है। हाल ही में मोहन सरकार ने जहां महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता की राशि बढ़ाने का फैसला लिया। तो वही प्रदेश में दिव्यागों को कम पेंशन दिया जा रहा है। जिसको लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने सवाल उठाते हुए बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के दिव्यांगों को क़ानूनी रूप से 1562 रूपए प्रतिमाह की पात्रता होने के बावजूद भी सरकार उन्हें मात्र 600 रूपए प्रतिमाह क्यों दे रही।
आंध्रप्रदेश में दिव्यांगों को 6000 पेंशन मिलती हैं
कमलनाथ ने आगे कहा कि मध्यप्रदेश में दिव्यांगों को देश में सबसे कम पेंशन दी जा रही है। आंध्रप्रदेश में दिव्यांगों का जहां 6000 रूपए प्रतिमाह की पेंशन मिलती है, वहीं मध्यप्रदेश में यह पेंशन मात्र 600 रूपए प्रतिमाह है। शिवराज सरकार तो दिव्यांगों को कई सालों से 300 रूपए प्रतिमाह की पेंशन ही दे रही थी। लेकिन हमारी कांग्रेस सरकार ने 2019 में इसे दोगुना बढ़ाते हुए 300 रूपए से 600 रूपए प्रतिमाह किया था, और इसे 1000 रूपए प्रतिमाह करने की तैयारी थी।
सरकार दिव्यांगों के जीवन से खिलवाड़ कर रही
वैसे तो मध्यप्रदेश के दिव्यांगों को क़ानूनी रूप से 1562 रूपए प्रतिमाह की पात्रता होने के बावजूद सरकार उन्हें मात्र 600 रूपए प्रतिमाह देकर उनके जीवन से खिलवाड़ कर रही है। मैं सरकार से मांग करता हूँ कि दिव्यांगों की पेंशन जैसे संवेदनशील मामले में सकारात्मक रूख अपनाएँ। अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश के दिव्यांगों को भी कानूनी रूप से पात्र राशि रूपये 1562 प्रतिमाह की दिव्यांग पेंशन स्वीकृत करें।