MP Employees Strike : सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों की तानाशाही इस कदर हावी है कि वह मंत्री तक के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे है। अधिकारियों की मनमानी का एक ऐसा ही मामला कुक्कुट विकास निगम में देखा जा रहा है। मोहन सरकार के मंत्री के निर्देश के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी आंखे बंद कर बैठे हुए है।
दरअसल, सरकार के पशुपालन मंत्री लखन पटेल द्वारा तीन बार बैठक कर पशुपालन एवं डेयरी विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव, कुक्कुट निगम के प्रबंध संचालक डॉ. राजू रावत और अपने विशेष सहायक पीसी जैन को निर्देशित किया गया था कि कुक्कुट विकास निगम के संविदा कर्मचारियों की नस्ती पर तत्काल निर्णय लेकर संविदा निति को लागू करे। मंत्री लखन पटेल के निर्देश के बाद भी अभी तक आदेश जारी नहीं किए गए। वहीं संविदा कर्मचारी भी प्रबंधन की वादाखिलाफ के विरोध में हड़ताल पर डटे है।
हड़ताल पर डटे कर्मचारी
रविवार को राम नवमी का पर्व होने के बाद भी कर्मचारियों की हड़ताल जारी रही। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है कि मंत्री में ऊपर अफसरशाही हावी हो रही है। देखना यह है कि कब तक तानाशाही अधिकारी मंत्री निर्देशों का पालन नहीं करते। रमेश राठौर ने चेतावनी दी कि जब तक संविदा नीति लागू नहीं हो जाती, तब तक हड़ताल पर रहेंगे।
अनिश्चित कालीन हड़ताल पर कर्मचारी
बता दें कि कुक्कुट विकास निगम में संविदा नीति लागू किए जाने के लिए समान्य प्रशासन विभाग भी अपना अभिमत दे चुका है कि 22 जुलाई 2023 की संविदा की कंडिका क्रमांक 3.1 से 3.5 के अनुसार कार्यवाही कर सकता है। संचालक मंडल की बैठक के निर्णय के बाबजूद और समान्य प्रशासन के अभिमत के बावजूद अभी तक आदेश जारी नहीं हो सके । जिसके कारण कुक्कुट विकास निगम के संविदा कर्मचारी 3 महीने बाद मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रमेश राठौर के नेतृत्व में फिर से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठे है।