Pichor Rain : ई-अटेंडेंस प्रणाली को लेकर पहले से ही विरोध झेल रही सरकार पर अब शिक्षकों की जान जोखिम में डालने के आरोप लगने लगे हैं। शिवपुरी जिले के पिछोर अनुविभाग के उमरीकला गांव के मंदिरपुरा से ऐसी ही एक गंभीर तस्वीर सामने आई है, जहां स्कूल पहुंचने का रास्ता बारिश में पूरी तरह जलमग्न हो गया। गांव के सरकारी स्कूल जाने वाला मुख्य रास्ता खड़ंजा नुमा है, जिसके ऊपर से नाला बहने लगा है। ऐसे में शिक्षक और छात्र दोनों स्कूल नहीं पहुंच सके। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि ई-अटेंडेंस दर्ज न होने की स्थिति में शिक्षकों की एक दिन की वेतन कटौती तय मानी जाती है।
सरकारी शिक्षक लखन सिंह लोधी और अतिथि शिक्षक बृजेंद्र लोधी ने बताया कि सरकार ने तो ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था कर दी, लेकिन उसके लिए जरूरी आधारभूत सुविधाएं अब भी गांवों में नदारद हैं। स्कूल जाने के रास्ते में नाला उफान पर है, जिससे जान का खतरा बना हुआ है। मजबूरी में स्कूल नहीं जा सके, लेकिन अब एक दिन का वेतन कटेगा।
बारिश के दिनों में ये समस्या हर साल आती है, लेकिन न तो प्रशासन और न ही शिक्षा विभाग ने अब तक कोई स्थायी समाधान निकाला है। शिक्षकों का कहना है कि ऐसी परिस्थिति में स्कूल न जा पाने पर वेतन कटौती करना सरासर अन्याय है। वे सरकार से अपील कर रहे हैं कि ऐसे हालात में मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाए और शिक्षकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।