नई दिल्ली: सीमा सुरक्षा बल की वायु शाखा को अपने 50 साल से अधिक के इतिहास में पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर मिली है। बीएसएफ की वायु शाखा में पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर की नियुक्ति आंतरिक प्रशिक्षण पूरा होने के बाद हुई है। इंस्पेक्टर भावना चौधरी और चार पुरुष अधीनस्थ अधिकारियों को हाल में बीएसएफ महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने फ्लाइंग बैज प्रदान किए। अधिकारियों ने बताया कि पांच अधीनस्थ अधिकारियों को "बीएसएफ वायु शाखा के प्रशिक्षकों द्वारा शुरू से ही प्रशिक्षित किया गया था और उन्होंने हाल में अपना दो महीने का प्रशिक्षण पूरा किया है।"
बाढ़ के दौरान भरी उड़ानें:
ये आंतरिक प्रशिक्षण अगस्त से शुरू हुए इस दौरान दो महीने के पांचों कर्मियों को 130 घंटे तक प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें काम का उन्हें वास्तविक अनुभव मिला है क्योंकि बीएसएफ वायु शाखा की हाल में पंजाब व अन्य राज्यों में आई बाढ़ के दौरान विभिन्न इकाइयों ने परिचालन उड़ानें भरीं है। बीएसएफ वायु सेना को अपने एमआई-17 हेलीकॉप्टर बेड़े में फ्लाइट इंजीनियरों भारी कमी का सामना करना पड़ा। जिसे देखते हुए एक अधिकारी ने कहा कि, अपने अधीनस्थ अधिकारियों के पहले बैच को "वायु सेना (आईएएफ) ने प्रशिक्षित किया, लेकिन विभिन्न बाधाओं के कारण पांच कर्मियों के दूसरे बैच को यहां पर प्रशिक्षण नहीं मिल पाया था।'
बीएसएफ को मिली पहली महिला इंजीनियर:
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद बीएसएफ ने अपनी वायु शाखा के लिए फ्लाइट इंजीनियरों को तैयार करने के वास्ते आंतरिक प्रशिक्षण आयोजित करने की अनुमति पाने के लिए गृह मंत्रालय से संपर्क किया और इंस्पेक्टर चौधरी सहित पांच कर्मियों ने हाल में अपना प्रशिक्षण पूरा किया। उन्होंने बताया कि इंस्पेक्टर चौधरी बीएसएफ वायु शाखा की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर हैं।
विमानन इकाई का संचालन करने का दायित्व सौंपा:
सीमा सुरक्षा बल को 1969 से गृह मंत्रालय (एमएचए) की विमानन इकाई का संचालन करने का दायित्व सौंपा गया है और यह सभी अर्द्धसैनिक बलों और एनएसजी व एनडीआरएफ जैसे विशेष बलों की अभियानगत आवश्यकताओं को पूरा करता है।