रायपुर : शहर की 15 लाख आबादी तक शुद्ध पीने का पानी पहुंचाने वाली निगम की 45 नई व पुरानी पानी टंकियों में से मात्र 5 पानी टंकियों में डबल वाल्व है, जबकि 40 टंकियां ऐसी हैं, जो सिंगल वाल्व के भरोसे हैं। इसकी वजह से वाल्व में कभी भी खराबी आने से पानी टंकी को खाली करने हर बार सैकड़ों गैलन पीने का साफ पानी घंटों फिजूल में सड़कों पर बहाना पड़ता है। एक तरह से बहुमूल्य पानी की बरबादी तो होती है, दूसरी तरफ प्रभावित इलाके के भुक्तभोगियों को पानी के लिए तरसना पड़ जाता है। जल विभाग के अधिकारियों का कहना है, कम के कम 45 वाल्व की जरूरत है, जिसे क्रय करने 1.50 करोड़ की राशि चाहिए।
निगम प्रशासन पानी फिजूल में बहाने से बाज नहीं:
पानी का मोल पहचाने का स्लोगल देने वाला निगम प्रशासन शहरवासियों के हिस्से का शुद्ध पानी फिजूल में बहाने से बाज नहीं आता। हाल ही में डीडीनगर पानी टंकी के आउटलेट का वाल्व स्लिप होने से दर्जनभर इलाकों में लोग पानी के लिए तरस गये। वहीं जल विभाग ने 30 हजार लीटर पीने का शुद्ध पानी टंकी खाली करने के नाम पर फिजूल में सड़क और नालियों में बहा दिया। यह स्थिति पहली बार निर्मित नहीं हुई है, बल्कि वाल्व में खराबी आने पर आए दिन अलग-अलग पानी टंकियों में कमोबेश यही स्थिति बनती है। इसका तोड़ निगम प्रशासन अब तक नहीं निकाल पाया है।
शहर में डबल वाल्व की व्यवस्था :
जानकारों का कहना है कि यदि शहर की सभी 45 पानी टंकियों में डबल वाल्व की व्यवस्था कर दी ab जाये, तो इससे कभी भी वाल्व में खराबी आने पर एक वाल्व को आपरेट कर प्रभावित इलाकों में जल आपूर्ति की जा सकती है। वहीं पानी टंकी खाली कराने की नौबत नहीं आएगी और स्टोरेज किया गया शुद्ध पानी आपात स्थिति में लोगों के काम आयेगा।
45 वॉल्व की जरूरत, प्रस्ताव भेजा:
निगम की गिनी चुनी पानी टंकियों में डबल वाल्व लगा है, ज्यादातर पानी टंकियां ऐसी है, जिनमें सिंगल वाल्व है। जल आपूर्ति के समय पानी का प्रेशर बढ़ने पर वाल्व में कभी भी खराबी आ सकती है, इसे ध्यान में रखते हुए 45 वाल्व की जरूरत है। हमने 1.50 करोड की राशि का प्रस्ताव बनाकर 6 माह पहले शासन के पास मंजूरी के लिए भेजा है। शासन से स्वीकृति लंबित है।