नई दिल्ली: आज देश भर के बैंकिंग इंश्योरेंस परिवहन से जुड़े कर्मचारीयों का देशव्यापी हड़ताल करेंगे. जिसमें लगभग 25 करोड़ कर्मचारी हड़ताल करेंगे. इस दौरान वह केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों का विरोध कर प्रदर्शन करेंगे. दरअसल ये सभी कर्मचारी इंश्योरेंस से लेकर बैंकिंग, हाईवे, कंस्ट्रक्शन और कोल माइनिंग से जुड़े मुद्दों को लेकर देशव्यापी हड़ताल करने जा रहे हैं। ये हड़ताल आज 9 जुलाई को की जाएगी। इस व्यापक हड़ताल से देशभर में होने वाले जरूरी सेवाएं काफी प्रभावित होगी।
भारत बंद का आह्वान:
'सरकार की मजदूर विरोधी, राष्ट्र विरोधी कॉरपोरेट किसान विरोधी समर्थक नीतियों का विरोध करने' के लिए 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनके सहयोगी इकाइयों के एक ग्रुप ने 'भारत बंद' या आम हड़ताल का आह्वान किया है। इस सन्दर्भ में श्रमिक संगठनों के मांडविया ने बताया कि 33.56 करोड़ सदस्यों वाले 13.88 लाख प्रतिष्ठानों के लिए इस वर्ष वार्षिक भविष्य निधि (पीएफ) खातों को अद्यतन की जानी थी। लेकिन आठ जुलाई तक इनमें से 13.86 लाख प्रतिष्ठानों के लगभग 32.39 करोड़ सदस्यों के खातों में ब्याज की राशि जमा हो चुकी है। बतादें कि 96.51 प्रतिशत सदस्यों के पीएफ खातों और करीब 99.9 प्रतिशत प्रतिष्ठानों को सालाना अद्यतन करने का काम पूरा हुआ है। ईपीएफ खाते में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जमा राशि पर 8.25 प्रतिशत की दर से ब्याज दिए जा रहे हैं।इस दर को 22 मई, 2025 को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी।
6 जून से चल रही प्रक्रिया:
इसके आगे मांडविया ने बताया कि सरकार से मंजूरी मिलने के बाद छह जून, 2025 की रात से ईपीएफओ ने ब्याज राशि को पीएफ खातों में डालने का काम शुरू किया था। वहीं श्रम मंत्री ने कहा कि सदस्यों के खातों में ब्याज जमा करने की प्रक्रिया वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अगस्त में शुरू होकर दिसंबर तक पूरी हो गई थी। उन्होंने बताया कि प्रक्रिया को अब तेजी से प्रसंस्करण के लिए अनुकूलित किया गया है, जिसके कारण इस प्रक्रिया का अधिकांश हिस्सा जून में ही पूरा हो गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बचे हुए प्रतिष्ठानों के संबंध में वार्षिक खाते भी इस सप्ताह के भीतर अद्यतन हो जाएंगे।
क्या है क र्मचारियों की मांग:
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन ने कहा कि हम सरकार से बेरोजगारी पर ध्यान देने, स्वीकृत पदों पर भर्ती करने, ज्यादा नौकरियों के सृजन, मनरेगा श्रमिकों के कार्य दिवसों एवं मजदूरी में बढ़ोतरी के साथ शहरी क्षेत्रों के लिए भी समान कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए ईएलआई (रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन) योजना लागू करने में व्यस्त है।