भोपाल हमीदिया कॉलेज : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के चुनिंदा कालेजों को पीएमश्री कालेज बनाने की घोषणा की है। इसके तहत कालेजों को चयनित कर स्थापित भी कर दिया गया है। प्रदेश में करीब 55 कालेजों को शामिल किया गया है। इसमें भोपाल का हमीदिया कालेज भी शामिल है। इसके लिए शासन ने साढ़े छह करोड़ रुपए भी स्वीकृत किए हैं।
प्राचार्य पुष्पलता चौकसे ने हमीदिया कॉलेज का स्थान परिवर्तित करने और कालेज का नाम बदलने के लिए शासन को पत्र लिखा है। उन्होंने हमीदिया कॉलेज का नाम अब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे जाने की मांग की है।
कॉलेज का बदलेगा स्थान?
पुराने भोपाल में छात्र-छात्राओं के अध्ययन के लिए शासकीय गीतांजलि कन्या महाविद्यालय, शासकीय एमएलबी कन्या महाविद्यालय, शासकीय विधि महाविद्यालय, शासकीय नवीन महाविद्यालय एवं शासकीय मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय स्थित है, जबकि जनसंख्या के अनुपात में नए भोपाल में छात्रों के लिए महाविद्यालयों की अत्यधिक कमी है। इससे छात्रों के अध्ययन में दिक्कत होती है। बताया जा रहा है कि भदभदा स्थित शासकीय अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान, मत्स्य विभाग तथा मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम का कार्यालय नए भोपाल में स्थित है। इन भवनों को हमीदिया कालेज के वर्तमान स्थान पर स्थानांतरित कर दिए जाने से यहां का वातावरण इन तीनों विभागों के लिए अनुकूल होगा। मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा वर्ष भर शहर में होने वाली पिक्चर की शूटिंग करायी जा सकती है तथा राजस्व में वृद्धि कर शहर को ऐतिहासिक पहचान दिलाई जा सकती है। महाविद्यालय तालाब के किनारे स्थित होने के कारण मत्स्य विभाग भी अपने कार्यों के लिए अनुकूल
वातावरण यहां प्राप्त कर सकता है।
अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान वर्तमान हमीदिया महाविद्यालय में नवनिर्मित लाइब्रेरी भवन एवं वाणिज्य भवन में अपने प्रशासनिक कार्य पूर्ण कर सकते हैं। प्राचार्य चौकसे ने कहा कि वर्तमान में संचालित शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य कालेज को अटल बिहारी वाजपेयी पीएमश्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के नाम से प्रारंभ किया जा सकता है। इसे शासन द्वारा आवंटित राशि से मरम्मत कार्य करवाकर कालेज को संचालित किया जा सकता है। उक्त संस्थान में हमीदिया कालेज को शिफ्ट कर दिया जाता है, तो कालेज की छात्र संख्या में वृद्धि होगी। क्योंकि उक्त क्षेत्र में एक भी कालेज पारंपरिक पाठ्यक्रमों के लिए मौजूद नहीं है। दूसरी ओर हॉस्टल का निर्माण स्वीकृत होने के कारण नए भोपाल, नीलबड़, रातीबड़ सहित ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र उच्च शिक्षा से लाभान्वित होंगे। इससे शासन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी नहीं आएगा।
स्थान में परिवर्तन क्यों?
मध्यप्रदेश सरकार ने साल 2005 में एमएलबी गर्ल्स कालेज को हाथीखाना से हटाकर पालीटेक्निक चौराहा स्थित हमीदिया कालेज और हमीदिया कालेज को एमएलबी में शिफ्ट कर दिया था। इसकी वजह यह थी कि छात्राओं के साथ कुछ स्थानीय लोग दुर्व्यवहार करते थे। कुछ धर्मातरण की शिकायतें भी आई थीं। इसके चलते एमएलबी कालेज को स्थानांतरित्त किया गया था। अब हमीदिया कालेज को पीएमश्री एक्सीलेंस कालेज में परिवर्तित कर दिया गया है। इससे अधिक से अधिक छात्राओं ने प्रवेश लिया है। भविष्य में ऐसी कोई समस्या नहीं आए, इसलिए प्राचार्य ने शासन से कालेज का स्थान परिवर्तन करने की मांग की है।
पत्र में की ये मांग
शासन को प्राचार्य द्वारा सौंपे गए पत्र में कहा गया है कि कालेज अति संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है, जिसमें आने एवं जाने में छात्रों और महाविद्यालयीन स्टॉफ को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। असामाजिक तत्वों द्वारा अनेकों बार कालेज पहुंच कर मार्ग को बाधित कर दिया जाता है। इस कारण अनहोनी के घटित होने की संभावना बनी रहती है। यह कॉलेज चारों ओर से अतिक्रमण की चपेट में है। इसकी सूचना अनेकों बार जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई, लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला है। वर्तमान में कालेज का रास्ता बाधित हो रहा है। महाविद्यालय में खेल परिसर नहीं है और महाविद्यालय भवन का अधिकांश हिस्सा भी जर्जर है। पिछले साल नैक द्वारा महाविद्यालय का मूल्यांकन किया गया था, तब ग्रेडिंग में कमी आई थी।
कॉलेज में स्थापित हो पुलिस और आर्मी ट्रेनिंग सेंटर
पत्र में आगे कहा है कि वर्तमान में हमीदिया कालेज अति संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है। इसलिए उचित होगा कि इसमें पुलिस ट्रेनिंग सेंटर व आर्मी ट्रेनिंग सेंटर भी खोला जा सकता है, जिससे इस क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम रहेगी। उपरोक्त तीनों विभागों के संचालन में छात्रों का सीधा संपर्क नहीं होने के कारण अन्य परेशानियों से भी छात्रों को मुक्ति मिलेगी। यह भवन विरासत के हिसाब से ऐतिहासिक भवन है, यहां पर साल में अनेकों फिल्मों की शूटिंग होती है। उक्त केन्द्र खोले जाने से इसमें फिल्मों, सीरियल की शूटिंग भी बाधित नहीं होगी। कालेज में निर्मित भवन का एक हिस्सा मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम को भी दिया जा सकता है।