Mughal History : मुगलों के किस्से आज भी इतिहास में काफी पढ़े जाते है। मुगलों का इतिहास काफी खूंखार और रूह कांप देने वाला रहा है। मुगलों के हरम में औरतों की तादात को लेकर सम्राट अकबर और उनके बेटे सलीम का नाम सबसे पहले जुंबा पर ही आता है। बताया जाता है कि उनके हरम में औरतों की तादात करीब 300 के पार थी। लेकिन क्या आपको पता है कि अनारकली किसी मोहब्बत थी? आइए आपको बताते है।
अनारकली अकबर की पत्नी और सलीम की सौतेली मां थी। सलीम और अनारकली के बीच नाजायज रिश्ते भी रहे। इसी को लेकर अकबर ने अनारकली को जिंदा दिवार में चुनवा दिया था। इंटरनेट डाटा के अनुसार सलीम के जन्म से पहले अकबर की एक बेटी और दो जुडवा बेटांे की मौत हो गई थी। अकबर ने बेटे की चाहत में शेख मुईनुद्दीन चिश्ती से मन्नत मांगी थी कि अगर उनके लिए बेटा होता है तो वह जियारत के लिए पैदल दरगाह पर हाजिरी देंगे। अकबर ने अपनी गर्भवती पत्नी को फतेहपुर शेख सलीम चिश्ती की कुटिया में रखा था।
30अगस्त 1569 को अकबर की पत्नी ने सलीम को जन्म दिया। सलीम के जन्म के बाद अकबर अपने वादे के मुताबिक पैदल अजमेर के लिए रवाना हो गए थे। अकबर के बेटे सलीम की पहली शादी अकबर के साले यानी सलीम के मामा की बेटी मानबाई से हुई थी। इसके बाद सलीम 26 साल की उम्र में करीब 16 शादियां कर चुका था। समय बढ़ता गया, उसके हरम में भी औरतों की तादात बढ़ती चली गई। उसके हरम में करीब 300 से अधिक औरतें हो गई थीं।
सलीम की जिंदगी में दो औरतों का सबसे ज्यादा जिक्र किया जाता हैं। पहली अनारकली जिसे बाप-बेटे की लड़ाई में अपनी जान गवांनी पड़ी। दूसरी नूरजहां जो मलिका-ए-हिंदुस्तान बनी। अनारकली अकबर की पत्नी थी। फिल्म फिल्म मुगल-ए-आज़म में अनारकली को सलीम की प्रेमिका के तौर पर बताया गया था। लेकिन एडवर्ड टैरी और विलियम फिंच के ब्योरों में अनारकली अकबर की पत्नी और सलीम की सौतेली मां बताई गई है।
टैरी के अनुसार उन्होंने सलीम के शासनकाल के दौरान मध्यभारत की यात्रा की थी। उन्होंने अनारकली को अकबर की पत्नी बताया हैं। टैरी के अनुसार अकबर अपनी पत्नी अनारकली से बहुत प्यार करता था, लेकिन बेटे सीलम के अपनी सौतेली मां से नाजायज संबध के चलते अनारकली को जिंदा दिवार मे चुनवा दिया था।
फिंच के अनुसार उन्होंन अपनी यात्रा लाहौर-काबुल तक की थी, रास्ते में सुल्तान दानियल और उसकी मां अनारकली की कब्रों को देखा था। सुलतान दानियल की मौत अधिक शराब पीने से हुई थी। जहांगीर ने अपने शासनकाल में दोनों की कब्रों पर मकबरे बनवाए थे। जब सलीम और अनारकली के बीच संबंध की बात हरम से राजदरबार तक फैली तो सलीम इलाहाबाद भाग गया था। उस समय हरम की कुछ औरते अकबर का सलीम के प्रति गुस्सा कम करने में लग गई और वह कामयाब भी हुई।
उस समय सरदार गयास बेग अकबर के एक भरोसेमंद हुआ करते थे। सरदार गयास बेग की बेटी मेहरुन्निसा से सलीम शादी करना चाहता था, लेकिन अकबर को यह रिश्ता रास नहीं आया और मेहरुन्निसा की शादी एक ईरानी कारोबारी से कराकर सलीम को शांत किया गया, लेकिन इसके बाद भी सलीम ने मेहरुन्निसा को पाने के लिए ईरानी कारोबरी की हत्या करवा दी। माना जाता है कि ईरानी कारोबारी हत्या सलीम ने ही कराई थी। इसके बाद 1605 में सलीम गद्दी पर बैठा और मेहरुन्निसा से शादी कर ली। सलीम ने मेहरुन्निसा का नाम नुरजहां रखा, जो मलिका-ए-हिंदुस्तान बनी। मेहरुन्निसा यानी नुरजहां को मुगल सल्तनत की सबसे शक्तिशाली महिला मानी जाती है थी।