उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुधवार को विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में 2023-24 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया। इस बजट का आकार 26760.67 करोड़ रुपये है। इसमें राजस्व लेखे का व्यय 19 लाख, 46 हजार, 39 करोड़ रुपये है। पूंजी लेखे का व्यय 9,714 करोड़ रुपए का है। प्रस्तावित अनुपूरक मांग मे नई मांग की कुल धनराशि 7,421.21 करोड़ रुपए के प्रस्ताव सम्मिलित हैं।
अनुपूरक बजट में निम्नलिखित प्रमुख प्रावधान किए गए हैं:
- स्वास्थ्य: आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये का सालाना स्वास्थ्य बीमा देने के लिए 2500 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- शिक्षा: 10 लाख शिक्षकों की भर्ती के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- रोजगार: युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- ग्रामीण विकास: ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- उद्योग: औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान।
अनुपूरक बजट में निम्नलिखित नई योजनाओं की घोषणा भी की गई है:
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: किसानों को फसल बीमा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सब्सिडी राशि में वृद्धि।
- सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार: सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए विशेष कार्यक्रम।
- बेरोजगारी भत्ता: बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की योजना।
- ग्रामीण पशुधन विकास योजना: ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन विकास को बढ़ावा देने के लिए योजना।
इसके अलावा, इस अनुपूरक बजट में सड़क, बिजली, सिंचाई, कृषि, आदि क्षेत्रों में भी धन का प्रावधान किया गया है।
इस अनुपूरक बजट को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने डेंगू और धान खरीद के मुद्दों पर सरकार को घेरा।