दुनियाभर के तमाम देशों को डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रेड वॉर (Trade War) की स्थिति पैदा कर डराया है. लेकिन दूसरी ओर राष्ट्रपति ट्रंप एक बड़े बिजनेसमैन भी हैं जी हां अब वह अपनी निवेश योजनाओं पर फोकस कर रहे हैं. इस बात से ही इसका अंदाजा लगाया जा सका है कि महज 36 दिन में ही ट्रंप ने 82 मिलियन डॉलर यानी (करीब 727 करोड़ रुपये से ज्यादा) का निवेश कर बॉन्ड की बड़ी खरीदारी कर ली है.
इन महीनों के बीच की खरीदारी:
सूत्रों के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने बॉन्ड शॉपिंग अगस्त महीने में शुरू की थी, जो अक्टूबर की शुरुआत तक 82 मिलियन डॉलर यानी (7,27,25,39,000 रुपये) के बॉन्ड खरीदेने में सफल हो गए थे. इसके खुलासे से पता चलता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने बीते 28 अगस्त 2025 से 2 अक्टूबर के बीच खरीदारी की गई. बता दें कि अब तक उन्होंने 175 से अधिक वित्तीय खरीदारी की कर ली हैं, जिनमें कॉर्पोरेट और म्यूनिसिपल बांड शामिल हैं.
डॉक्युमेंट्स से हुए खुलासे:
अमेरिकी सरकारी नैतिकता कार्यालय द्वारा जारी किएदस्तावेजों के अनुसार ये खरीदारी ट्रंप की उन सेक्टर्स में व्यापक निवेश रणनीति का हिस्सा थी, जिसे उनके प्रशासन में लागू किया गया था, और इसी पॉलिसीज से उन्हें लाभ मिला है, इनमें वित्तीय विनियमन और फाइनेंशियल डिरेगुलेशन के साथ ही प्रौद्योगिकी विस्तार भी शामिल हैं. सरकारी नैतिकता 1978 अधिनियम के तहत दायर किए दस्तावेजों में सटीक लेन-देन राशि का खुलासा नहीं हुआ है, हालांकि इसमें एक लिमिट तय की गई है, जिससे यह पता चलता है कि अधिकतम बांड खरीद का कुल मूल्य 337 मिलियन डॉलर यानी (करीब 2988 करोड़ रुपये से अधिक) हो सकती है.
ट्रंप की खरीदारी में प्रमुख रूप ये शामिल:
जानकारी के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की गई खरीदारी में नगर पालिकाओं, काउंटियों, राज्यों, जिलों और अधिकांश परिसंपत्तियों में अन्य सार्वजनिक एजेंसियों से जारी बांड शामिल किए गए हैं. वहीं कॉर्पोरेट बांड अधिग्रहण में टॉप पर वित्त, रिटेल कंपियों और प्रौद्योगिकी में निवेश किया है. इसके अलावा अधिग्रहित कॉर्पोरेट बॉन्ड में क्वालकॉम, ब्रॉडकॉम, होम डिपो, मेटा प्लेटफॉर्म्स, सीवीएस हेल्थ,जेपी मॉर्गन चेज, मॉर्गन स्टेनली और गोल्डमैन सैक्स के बॉन्ड शामिल हैं. ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ये खरीदारी अब तक के सबसे बड़े निवेशों में शामिल है.