Us tariff: भारत से जाने वाले चाय, कॉफी, ट्रॉपिकल फलों मसाले, जूस और फ्रूट जैसे उत्पादों पर लगी 50% रेसिप्रोकेल टैरिफ को अमेरिका ने अब हटा दिया है। जिससे भारतीय कृषि निर्यातकों को लगभग 1 अरब डॉलर (करीब ₹9,000 करोड़) की राहत मिलेगी। व्हाइट हाउस के एक्जीक्यूटिव ऑर्डर के जरिए यह छूट 12 नवंबर को दी गई, जिसे 13 नवंबर से लागू कर दिया गया है।
टैरिफ हटाने की बड़ी वजह:
यह टैरिफ मूल रूप से अमेरिका ने भारत के रूस से तेल खरीदने पर लगाया था। लेकिन देश में बढ़ती खाद्य कीमतों के दबाव के कारण ट्रंप प्रशासन को यह निर्णय वापस लेना पड़ा।
FY25 में भारत को बड़ा फायदा:
वित्त वर्ष 2025 में भारत ने अमेरिका को 2.5 अरब डॉलर (₹22,000 करोड़) का कृषि निर्यात किया था। अब इसमें से ₹9,000 करोड़ का हिस्सा टैक्स-मुक्त हो गया है। DGFT के अनुसार, इससे भारतीय उत्पादों को अमेरिकी बाजार में समान अवसर और बेहतर प्रतिस्पर्धा मिलेगी।
इन उत्पादों से हटाया गया टैरिफ:
अमेरिका ने मुख्यतः ऐसे उत्पादों पर से टैरिफ हटाया है, जिनका स्थानीय उत्पादन वहां काफी कम है। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक चाय और कॉफी- 82.54 मिलियन डॉलर (₹731 करोड़), मसाले- 358.66 मिलियन डॉलर (₹3,200 करोड़),फ्रूट्स, नट्स और ट्रॉपिकल उत्पाद- 54.58 मिलियन डॉलर (₹484 करोड़), 50 प्रोसेस्ड फूड आइटम- 491.31 मिलियन डॉलर (₹4,345 करोड़), इसके अलावा एसेंशियल ऑयल्स, 26 तरह की सब्जियां, जड़ें, और बीफ/बोवाइन उत्पाद भी छूट सूची में शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर उत्पाद ट्रॉपिकल जलवायु वाले देशों में ज्यादा उत्पादन होते हैं, इसलिए अमेरिका ने आयात पर राहत दी है।
फाइनल चरण में भारत-अमेरिका ट्रेड डील :
भारत और अमेरिका के बीच चल रही ट्रेड डील अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर सहमति बन चुकी है। इनमें भारत में अमेरिकी कंपनियों की बाजार तक पहुंच, 25% रेसिप्रोकेल टैरिफ, और कच्चे तेल पर लगाए गए अतिरिक्त 25% शुल्क जैसे प्रमुख बिंदु शामिल हैं। उनका कहना है कि इस समझौते को बहुत जल्द अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
उच्च टैरिफ की वजह से था प्रभावित:
वित्त वर्ष 2025 में भारत का अमेरिका को कुल निर्यात 86.51 अरब डॉलर यानी करीब ₹7.66 लाख करोड़ रहा। इसमें से टेक्सटाइल, ज्वेलरी और इंजीनियरिंग गुड्स जैसी शीर्ष पाँच श्रेणियों का योगदान लगभग 60 अरब डॉलर (₹5.3 लाख करोड़) रहा। वहीं 48.2 अरब डॉलर (₹4.3 लाख करोड़) का निर्यात उच्च अमेरिकी टैरिफ की वजह से प्रभावित था।
1 अरब डॉलर का होगा लाभ:
DGFT के महानिदेशक अजय भदू के अनुसार, टैरिफ हटने से भारतीय निर्यातकों को मूल्य निर्धारण में अधिक लचीलापन मिलेगा और अमेरिकी बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धा मजबूत होगी। मसाले और प्रोसेस्ड फूड सेक्टर में भी तेजी से वृद्धि की उम्मीद है। व्यापार संतुलन पर इसका सकारात्मक असर पड़ेगा और भारतीय कृषि निर्यात के लिए यह कदम एक बड़े गेमचेंजर के रूप में देखा जा रहा है।