नई दिल्ली: चीन की अध्यक्षता में तियानजिन में आयोजित किए जाने वाले 25वें 'शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन' (31 अगस्त से 1 सितंबर तक) की हो रही है। मौजूदा साल 2025 की जिस बहुप्रतीक्षित मुलाकात का हर खासो-आम को बेसब्री से इंतजार था। उसके लिए तारीख तय हो चुकी है। जी हां, यहां बात हो रही है एससीओ शिखर सम्मेलन की जिसमें 31 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकात होगी। दोनों नेता भारत-चीन संबंधों, क्षेत्रीय सहयोग के अलावा अमेरिकी टैरिफ के मामले पर भी चर्चा कर सकते हैं। जो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का तनाव बढ़ा सकती है।
टैरिफ का उठेगा मसला:
सात साल बाद पीएम की यह चीन यात्रा हो रही है। पूर्व में में वह 2018 में पड़ोसी देश गए थे। वहीं, 2020 में एलएसी विवाद की शुरुआत के बाद हो रही पीएम की यह इसके ठीक बाद एससीओ शिखर सम्मेलन वाले दिन 1 सितंबर को पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक करेंगे। संभवतः टैरिफ का मसला इस दौरान भी उठेगा। आगामी शनिवार को ही सम्मेलन के पूर्व में चीन के राष्ट्रपति समूह के बाकी देशों के राष्ट्राध्यक्षों के लिए एक स्वागत रात्रिभोज (बैंक्वेट डिनर) का आयोजन करेंगे।
टैरिफ टेंशन के बीच मिलेंगे तीनों शीर्ष नेता:
गौरतलब है कि भारत, चीन और रूस के शीर्ष नेताओं के बीच होने वाली यह द्विपक्षीय बैठकें एक ऐसे समय पर होने रही हैं। जब अमेरिका ने यूक्रेन बुद्ध के बीच भारत की मास्को से जारी कच्चे तेल की खरीद पर 25 फीसदी जुर्माने के साथ दुनिया में सबसे ज्यादा कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। जिसकी वजह से दोनों देशों के आपसी संबंधों में तल्खी बनी हुई है। इन सबके बीच राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद रूस के राजनयिक भी बीते वक्त में इस बात के संकेत दे चुके हैं कि रूस, भारत और चीन के नेता जल्द ही त्रिपक्षीय संवाद कर सकते हैं। इतिहास में ऐसी ही एक प्रक्रिया को आरआईसी का नाम दिया गया था।
कजान के बाद होगी दूसरी मुलाकात:
भारत और चीन के राष्ट्राध्यक्षों के बीच पिछली मुलाकात बीते वर्ष 2024 के अंत में रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर हुई थी। उस वक्त पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी होनों देशों के रा जिसका दौर की बातचीत के बाद भी कोई ठोस परिणाम नहीं निकला था।
20 से अधिक देशों के नेता करेंगे शिरकत:
इस वर्ष एससीओ सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के शीर्ष नेता शिरकत करेंगे। जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू शामिल होंगे। इसके अलावा तुर्किये के राष्ट्रपति एर्वो आन, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रचोवो सुबियांतो, मलेशिया के पीएम अनवर इब्राहिम और वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह विव्ह भी इस महत्वपूर्ण आयोजन में भाग लेंगे। 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख भी इस आयोजन के लिए चीन की यात्रा करेंगे। एंटोनियो गुटेरेस, एससीओ महासचिव नूरलान येरमेकबायेव मुख्य हैं।