सरकार के महिला आरक्षण विधेयक लाने के बाद से जातिगत जनगणना की मांग फिर जोर पकड़ रही है। आखिरी बार जातिवार जनसंख्या की गिनती 1931 में हुई थी, तब देश में 52% आबादी OBC थी। इसके बाद से इसकी गिनती नहीं हुई, अगर हुई भी तो इसे सार्वजनिक नहीं किया गया।
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार द्वारा लाए गए महिला आरक्षण विधेयक की कमियां गिनाईं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार जातीय जनगणना से ध्यान हटाना चाहती है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि महिला आरक्षण विधेयक लागू होने में अभी लंबा समय लगेगा और इसमें 10 साल भी लग सकते हैं।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इस बात का अफसोस है कि 2010 में UPA की सरकार द्वारा लाए गए विधेयक के तहत OBC कोटा प्रदान नहीं किया गया था, इस पर राहुल गांधी ने कहा, "100% अफसोस है। यह उस समय किया जाना चाहिए था और अब हम इसे पूरा करके छोड़ेंगे।"
सदन में महिला आरक्षण बिल लाया गया। बिल में दो चीज़ें संबंधित पाई गईं जिनमें एक की महिला आरक्षण से पहले जनगणना होगी और दूसरा परिसीमन करना होगा और इन दोनों को करने के लिए कई साल लगेंगे। महिला आरक्षण आज किया जा सकता है लेकिन सरकार यह करना नहीं चाहती है। सच्चाई यह है कि यह आज से 10 साल के बाद लागू होगा। डाइवर्जन OBC सेंसस से हो रहा है, मैंने संसद में सिर्फ एक संगठन की बात की, जो हिंदुस्तान की सरकार को चलाता है कैबिनेट सचिव और बाकी के सभी सचिव, इसे लेकर मैंने एक सवाल किया था। अगर प्रधानमंत्री इतना काम कर रहे हैं तो 90 लोगों में से सिर्फ 3 लोग OBC समुदाय से क्यों हैं... OBC अफसर हिंदुस्तान के 5% बजट को कंट्रोल करते हैं। प्रधानंमत्री हर रोज़ OBC की बात करते हैं लेकिन उन्होंने OBC के लिए किया क्या?
राहुल गांधी ने आगे कहा कि मैंने सिर्फ यह सवाल पूछा कि क्या हिंदुस्तान में OBC की आबादी 5% है? अगर नहीं हैं तो OBC हिंदुस्तान में कितने हैं और है उन्हें भागीदारी मिलनी चाहिए... भाजपा को जनगणना और परिसीमन को हटाकर महिलाओं को भागीदारी देनी चाहिए। जनगणना का लेकर हमने जो डाटा निकाला था उसे सार्वजनिक कर दें जिससे सभी को पता चल जाए कि OBC कितने हैं और नई जनगणना जाति के आधार पर करें |
बता दें कि महिला आरक्षण विधेयक नारी शक्ति वंदन अधिनियम लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गया है। इस आरक्षण के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। हालांकि इसे लागू होने में अभी कई साल लगेंगे क्योंकि पहले जनगणना होगी और जनगणना के बाद सीटों का परिसीमन होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक यह संभव नहीं है तो हो सकता है कि 2029 के लोकसभा चुनाव में ही यह आरक्षण लागू हो सके।