दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। पीएम मोदी ने कहा था कि “संसद ड्रामा करने की जगह नहीं, बल्कि डिलीवरी की जगह है”, जिसके तुरंत बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने उन पर तीखा प्रहार किया
ये मुद्दे सीधे जनता के जीवन और अधिकारों से जुड़े: प्रियंका
प्रियंका गांधी ने स्पष्ट कहा कि दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण, वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर विषयों को उठाना किसी भी तरह का ड्रामा नहीं, बल्कि लोकतंत्र की मूल जिम्मेदारी है। उनके अनुसार, “ये मुद्दे सीधे जनता के जीवन, सुरक्षा और अधिकारों से जुड़े हैं। इन पर चर्चा से बचना लोकतांत्रिक परंपराओं की अवहेलना है।”
PM मोदी ने क्या कहा था? “सदन में काम हो, ड्रामा नहीं”
सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा संसद में शोर-शराबे और हंगामे की कोई जगह नहीं है। यहां केवल नीतियों, विकास और जनता की आकांक्षाओं पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए।विपक्ष को सहयोग करना चाहिए ताकि सत्र सुचारु और उत्पादक रह सके। पीएम मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ दल हाल ही के चुनावी नतीजों से उपजी निराशा को संसद में लेकर आते हैं, जो उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि संसद न तो “हार की हताशा” का अखाड़ा बने, न “जीत के अहंकार” का मंच।साथ ही, उन्होंने नए सांसदों को अधिक अवसर देने की आवश्यकता दोहराई।
विपक्ष का पलटवार “महत्वपूर्ण मुद्दों से भाग रही है सरकार”
विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा: छोटी अवधि का सत्र रखकर सरकार जवाबदेही से बच रही है।SIR प्रक्रिया में अनियमितताओं और कई BLO कर्मियों की मौत पर चर्चा आवश्यक है। दिल्ली में हालिया टेरर अटैक के बाद सुरक्षा चिंताएँ बढ़ी हैं। प्रदूषण की स्थिति बदतर है, लेकिन सरकार बहस को सीमित कर रही है।
सत्र की अवधि पर सवाल:
इस बार शीतकालीन सत्र में सिर्फ 15 बैठकें होंगी, जबकि आमतौर पर 20 बैठकें होती हैं। विपक्ष का दावा है कि कम अवधि का सत्र महत्वपूर्ण विषयों पर संवाद को बाधित करता है और लोकतांत्रिक विमर्श को कमजोर करता है।
क्या है विवाद का केंद्र:
SIR (Special Intensive Revision): वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं, जिसमें Delhi Pollution: लगातार खराब AQI और बढ़ता स्वास्थ्य खतरा, National Security: दिल्ली में हालिया आतंकी घटना के बाद सुरक्षा सवाल, संसद का कार्यकाल कम होना और विपक्ष को बोलने के अवसर सीमित होने की शिकायत सहित कई मुद्दे शामिल हैं, जिस लेकर विंटर सेशन शुरू होते ही सरकार और विपक्ष के बीच तीखी राजनीतिक जंग छिड़ गई है।
सत्र में दोनों पक्षों के बीच टकराव:
जहां पीएम मोदी ने शोर-शराबे के बजाय नीति और प्रदर्शन पर जोर दिया, वहीं प्रियंका गांधी और विपक्ष का कहना है कि महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाना लोकतांत्रिक जिम्मेदारी है, ड्रामा नहीं। इस सत्र में दोनों पक्षों के बीच टकराव और चर्चाओं से संसद का माहौल गर्म रहने के आसार हैं।