Pandit Pradeep Mishra :सीहोर: प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण कथा आज से शुरू हो गई। जिसका आयोजन सीहोर जिले में स्थित कुबेरेश्वर धाम में 25 फरवरी से 3 मार्च तक किया गया है। कथा में हर बार की तरह लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है। जिसको देखते हुए प्रसाशन ने सुरक्षा और यातायात को लेकर खास इंतजाम किये गए। इसके साथ ही 3 मार्च तक ट्रैफिक रूट में भी बदलाव कर दिए गए है। जिसके चलते भोपाल से इंदौर और इंदौर से भोपाल आने जाने वाले वाहनों के मार्ग परिवर्तित रहेंगे।
03 मार्च को होगा कथा का समापन
बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा की 7 दिवसीय कथा का समापन 03 मार्च को होगा। कार्यक्रम स्थल पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 500 बैरिकेड्स लगाए जाएंगे। मुख्य मार्गों पर पैदल यात्रियों और वाहनों के लिए अलग-अलग कॉरिडोर बनाए जाएंगे। बीआरटीएस की तर्ज पर विशेष लेन तैयार की जाएगी, जिसे बैरिकेड्स और बल्लियों से अलग किया जाएगा।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम
कुबेरेश्वर धाम में शिव महापुराण कथा और रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है। यातायात प्रबंधन, पार्किंग व्यवस्था, सुरक्षा इंतजाम और सेक्टर प्रणाली के जरिए इस आयोजन को सफल और सुव्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करें और यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने में सहयोग करें।
इस तरह से बदलेंगे ट्रैफिक के रूट
भोपाल से इंदौर जाने वाले भारी वाहनों को श्यामपुर, ब्यावरा होते हुए इंदौर (तूमडा दोराहा जोड़ के माध्यम से) भेजा जाएगा। इसी प्रकार, इंदौर से भोपाल आने वाले भारी वाहनों को देवास से ब्यावरा, श्यामपुर होते हुए भोपाल जाने की अनुमति दी गई है। हल्के वाहनों और यात्री बसों के लिए भी विशेष रूट प्लान तैयार किया गया है। भोपाल से आष्टा, देवास और इंदौर जाने वाले छोटे वाहन और यात्री बसें सीहोर स्थित क्रिसेंट चौराहा से भाऊखेड़ी जोड़ और अमलाहा होते हुए इंदौर पहुंचेंगी। इसी तरह, इंदौर से भोपाल या सीहोर आने वाले वाहन अमलाहा से भाऊखेड़ी जोड़ और क्रिसेंट चौराहा होकर सीहोर और भोपाल जा सकेंगे। हालांकि, केवल कुबेरेश्वर धाम जाने वाले वाहनों को ही सीधे हाईवे से गुजरने की अनुमति होगी, जबकि अन्य सभी वाहनों को डायवर्सन मार्ग से संचालित किया जाएगा।