नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने अब साइबर युद्ध छेड़ दिया है। 'पाकिस्तान साइबर फोर्स' नाम के एक हैकर ग्रुप ने भारतीय रक्षा संस्थानों की वेबसाइट्स को निशाना बनाते हुए बड़े साइबर हमले का दावा किया है। ग्रुप ने सोशल मीडिया के ज़रिए यह दावा किया कि उसने मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES) और मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस के संवेदनशील डेटा तक पहुंच बना ली है।
भारतीय टैंक की जगह पाक टैंक की तस्वीर, 10 GB से अधिक डाटा चोरी:
हैकर ग्रुप के मुताबिक, उसने आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की वेबसाइट को हैक कर उस पर मौजूद भारतीय टैंक की तस्वीर की जगह पाकिस्तानी टैंक की तस्वीर अपलोड कर दी। यही नहीं, ग्रुप ने यह भी दावा किया कि उसने 1600 से अधिक यूजर्स का 10 GB से ज्यादा डाटा चुरा लिया है, जिसमें रक्षा कर्मियों के लॉगिन क्रेडेंशियल्स भी शामिल हो सकते हैं।
वेबसाइट्स अस्थायी रूप से बंद, साइबर ऑडिट शुरू:
साइबर हमले की जानकारी मिलते ही सुरक्षा एजेंसियों ने तत्काल प्रभाव से संबंधित वेबसाइट्स को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। सरकार ने एक विशेष साइबर विशेषज्ञों की टीम गठित की है, जो हमले की जांच और पाकिस्तान से जुड़े हैकर नेटवर्क्स की निगरानी कर रही है। सभी रक्षा डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के आदेश जारी किए गए हैं।
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट:
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला कर दिया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए। इस जघन्य हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल समझौता को रद्द करना सबसे अहम फैसला माना जा रहा है।
भारत के इन कठोर फैसलों से पाकिस्तान बौखला गया है। पहले धमकी, फिर आतंकी हमला और अब साइबर अटैक—पाकिस्तान की ओर से लगातार उकसावे की कोशिशें हो रही हैं। लेकिन भारत हर मोर्चे पर पूरी तरह सतर्क और तैयार है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले को लेकर कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि “आतंकी और उनके सरपरस्तों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।”