Opration Sindoor: भारतीय सेना ने 6-7 मई की मध्य रात्रि को पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। इस सटीक और योजनाबद्ध हमले में 9 आतंकवादी लॉन्च पैड को निशाना बनाया गया, जिसमें अब तक 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि भारत सरकार ने की है।
यह कार्रवाई भारत की ओर से आतंकी संगठनों को दी गई एक कड़ी चेतावनी है और पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों पर बड़ा प्रहार माना जा रहा है।
लश्कर और जैश के टॉप कमांडर ढेर, मसूद अजहर के रिश्तेदार भी मारे गए
ऑपरेशन सिंदूर के तहत मारे गए आतंकियों में कई नाम ऐसे हैं, जो भारत में दर्जनों आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं।
मारे गए प्रमुख आतंकियों में शामिल हैं:
अबु जिंदाल (लश्कर-ए-तैयबा): मरकज तैयबा का प्रमुख, पाकिस्तान की सरकार ने विशेष सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया।
हाफिज मोहम्मद जमील (जैश-ए-मोहम्मद): मसूद अजहर का साला, आतंकी फंडिंग और कट्टरपंथी युवाओं की भर्ती में शामिल।
मोहम्मद यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद जी: मसूद अजहर का दूसरा साला, 1999 के IC-814 अपहरण का आरोपी।
खालिद उर्फ अबु आकाशा (LeT): हथियारों की तस्करी और कश्मीर में हमलों में सक्रिय, फैसलाबाद में सैन्य सम्मान के साथ दफन।
मोहम्मद हसन खान (JeM): जैश का ऑपरेशनल कमांडर, आतंकी रणनीतियों में अहम भूमिका में था।
मसूद अजहर का बयान: “काश अल्लाह मुझे भी बुला लेता”
ऑपरेशन सिंदूर के बाद जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि "काश ऊपर वाला मुझे भी अपने पास बुला लेता"। यह बयान न केवल आतंकी संगठनों की अंदरूनी टूट को दर्शाता है, बल्कि भारत की कड़ी कार्रवाई के प्रभाव को भी उजागर करता है।
पाकिस्तान की भूमिका पर गंभीर सवाल:
इन आतंकियों के अंतिम संस्कार में पाक सेना प्रमुख, राजनीतिक नेताओं, और राजकीय अधिकारियों की मौजूदगी से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की सरकार और सेना आतंकी संगठनों से सीधे तौर पर जुड़ी हुई हैं। पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज द्वारा पुष्पांजलि अर्पित किया जाना इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान न केवल आतंकियों को पनाह देता है, बल्कि उन्हें राजकीय सम्मान भी देता है।