MP Weather Update : अप्रैल के आखिरी दिनों में सूरज की तपिश प्रदेश को बेहाल कर रही है। जहां भोपाल, इंदौर और जबलपुर में पारा चढ़ने के बाद भी लू से राहत है, वहीं प्रदेश के बीस जिलों में दिन में लू के साथ रातें भी गर्म हो गई हैं, जिससे लोगों को दिन के साथ रात में भी गर्मी से सुकून नहीं मिल पा रहा। बुधवार को तेज गर्मी के साथ गुरुवार को भी नर्मदापुरम, बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, रतलाम, नीमच, मंदसौर, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, सतना, उमरिया, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में लू का अलर्ट जारी किया गया है।
छह दिन ऐसा ही रहेगा मौसम
प्रदेश में अप्रैल के आखिरी दिनों में भीषण गर्मी का अलर्ट है। अगले तीन दिनों के बाद भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर समेत कई शहरों में पारा 43 डिग्री के पार पहुंच सकता है, जबकि खजुराहो, नौगांव, पन्ना, सीधी में तापमान 45 डिग्री या इससे अधिक रह सकता है। वहीं, लू भी चलेगी। गुरुवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर समेत अन्य शहरों में भी तेज गर्मी रहेगी। प्रदेश में बुधवार को तेज गर्मी का असर देखा गया। मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह का कहना है कि प्रदेश में अभी मौसम साफ है। इस वजह से गर्मी का असर बढ़ा है। अगले 5 से 6 दिन तक ऐसा ही मौसम रहेगा।
रतलाम सबसे गर्म, पचमढ़ी ठंडा रहा
रतलाम में पारा 44.2 डिग्री रहा, जबकि मंडला, खजुराहो और नर्मदापुरम में 43.2 डिग्री दर्ज किया गया। दमोह और धार में 42.5 डिग्री रहा। प्रदेश के 5 बड़े शहरों में भी पारा 2 डिग्री तक बढ़ गया। उज्जैन भी गर्म रहा। यहां तापमान 41.7 डिग्री रहा। भोपाल में 40.6 डिग्री, इंदौर में 41 डिग्री और ग्वालियर में 41.2 डिग्री दर्ज किया गया। प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में पारा 36.4 डिग्री रहा।
भोपाल में 1996 में पड़ी थी सबसे ज्यादा गर्मी
अप्रैल में गर्मी की बात करें तो भोपाल में 29 अप्रैल 1996 को अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था। इस महीने भोपाल में बारिश-आंधी के आसार भी बनते हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों से अप्रैल में बारिश का दौर चल रहा है। इस बार पारा 42 डिग्री के पार पहुंच चुका है।
ऐसा रहेगा अप्रैल का आखिरी सप्ताह
उत्तर-पश्चिमी हवाओं के लगातार जोर पकड़ने के साथ न्यूनतम तापमान पूरे प्रदेश में सामान्य से 3-4 डिग्री अधिक यानि 27 से 30 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा। जिससे दिन के साथ रातें भी गर्म हो गई हैं। बंगाल क्षेत्र में साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम की वजह से अप्रैल के आखिरी दिनों तक लू का असर रह सकता है।