भोपाल। मध्यप्रदेश में 1 जनवरी 2025 से लागू होने वाले नए जेल अधिनियम में सिमी आतंकी और दुर्दांत अपराधियों के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। इनके लिए जेलों में हाई सिक्योरिटी जोन होंगे जिसमें अंडाकार सेल बनाई जाएंगी। इस तरह की सेल में सिमी आतंकियों और कुख्यात गैंगस्टर्स को रखा जाएगा।
साथ ही आपराधिक वारदात को अंजाम देकर बार-बार जेल जाने वाले अपराधियों को रिकाॅर्ड के आधार पर विशेष सेल में रखा जाएगा। इन पर सुरक्षा के मद्देनजर विशेष तौर पर निगरानी होगी। वहीं नए एक्ट में अगर जेल में कैदी मोबाइल या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल करते पकड़ा गया, तो उसे 3 साल का कारावास अलग से भुगतना होगा।
ट्रांसजेंडर के लिए अलग व्यवस्था
बंदियों का आचरण बदलने के लिए कई कार्यक्रम होंगे। ट्रांसजेंडर्स बंदियों के लिए जेल में रहने की अलग जगह होगी। आदतन अपराधियों को सामान्य कैदियों से अलग रखा जाएगा। ट्रांसजेंडर कैदियों को जेल में अलग से रखने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा प्रदेश की जेलों में कैदियों को सुधारने के लिए खुली जेल भी बनेगी।
वेलफेयर फंड भी का प्रावधान
नए एक्ट में भले ही कुख्यात अपराधियों के िलए कड़े नियम बना दिए हो, लेकिन जो कैदी जेलों में अच्छा आचरण अपनाएंगे, उनके वेलफेयर को लेकर भी कई काम शुरू होने जा रहे हैं। इसमें कैदियों को बेहतर इंसान बनाने के लिए प्रिजनर्स वेलफेयर फंड का भी प्रावधान किया है। अफसरों का कहना है देखा जाएगा कि किन कैदियों की सजा पूरी होने वाली है। इसके ठीक एक या दो साल पूर्व उसको व्यवसायिक दक्ष बनाने के िलए विशेष प्रयास किए जाएंगे। ताकि वह जेल से बाहर निकल स्वरोजगार से जुड़ा कोई काम करके अपनी आजीवका चला सके।