MP Mock Drill : पाकिस्तानी आतंकियों की ओर से बीते दिनों की गई आतंकी कार्रवाई के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए जवाबी कार्रवाई की है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के नौ अहम ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और गहरा गया है। इस स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने देशभर में युद्ध जैसी परिस्थितियों से निपटने की तैयारी के तहत सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया है।
पूरे देश में एक साथ मॉक ड्रिल
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निर्देश दिए हैं कि 7 मई को देश के 244 जिलों में एक साथ मॉक ड्रिल की जाएगी। इसका मकसद आम जनता, प्रशासन और सुरक्षा बलों को आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार करना है। मॉक ड्रिल के ज़रिए हवाई हमले, बिजली कटौती, ब्लैकआउट और घायलों को रेस्क्यू करने जैसे कई परिदृश्यों पर अभ्यास किया जाएगा।
मध्यप्रदेश में हाई अलर्ट
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल समेत पांच प्रमुख शहरों इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और कटनी में यह मॉक ड्रिल विशेष रूप से आयोजित की जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, जो गृह मंत्री का पद भी संभालते हैं, ने बीती रात इसको लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। सभी कलेक्टरों और एसपी को मॉक ड्रिल को गंभीरता से संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं।
ड्रिल का समय और प्रक्रिया
प्रदेश में शाम 4 बजे से मॉक ड्रिल की शुरुआत होगी। खास सायरन के माध्यम से नागरिकों को सतर्क किया जाएगा। इसके बाद ब्लैकआउट का अभ्यास कराया जाएगा, जिसमें लोग अपनी घरों की लाइटें बंद करेंगे और सुरक्षित स्थानों की ओर रुख करेंगे। आपातकालीन स्थिति में प्रशासनिक प्रतिक्रियाओं का परीक्षण किया जाएगा।
भोपाल में 'ब्लैक आउट' कब?
भोपाल में यह अभ्यास शाम 7:40 बजे से शुरू होगा। इस दौरान पूरे शहर में ब्लैकआउट की स्थिति बनाई जाएगी, ताकि लोग समझ सकें कि वास्तविक संकट की स्थिति में क्या करना है।
क्यों चुने गए ये 5 शहर?
भोपाल: राज्य की राजधानी होने के साथ-साथ यहाँ सेना की इन्फेंट्री, केंद्रीय बलों की मौजूदगी और भेल जैसी रणनीतिक कंपनी स्थित है।
इंदौर: यह राज्य का वाणिज्यिक केंद्र है और महू में स्थित आर्मी वॉर कॉलेज एवं बीएसएफ ट्रेनिंग सेंटर की वजह से रणनीतिक रूप से अहम है।
ग्वालियर: भारतीय वायुसेना की स्क्वॉड्रन नं. 1 यहाँ स्थित है, जो इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता से लैस है।
जबलपुर: आयुध निर्माणियों का गढ़, जहां से सेना को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति होती है।
कटनी: यहाँ की ऑर्डनेंस फैक्ट्री रक्षा मंत्रालय की अहम इकाई है, जो तोप के गोले और अन्य हथियार बनाती है।
कौन-कौन सी एजेंसियां शामिल?
इस मॉक ड्रिल में होमगार्ड, एनडीआरएफ, एसडीईआरएफ और राज्य पुलिस बल के जवान सक्रिय भूमिका निभाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार ही पूरा अभ्यास किया जाएगा।