MP Assembly Winter Session: मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत अप्रत्याशित घटना से हुई। कार्यवाही शुरू होते ही कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना अचानक चक्कर खाकर गिर पड़े। उसी समय मुख्यमंत्री सदन में प्रवेश कर रहे थे। उन्होंने तुरंत दौड़कर मंत्री कंसाना को संभाला और अस्पताल ले जाने के लिए मेडिकल टीम बुलाई गई। इस दौरान सदन की कार्रवाई करीब दस मिनट तक स्थगित रही।
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में किसानों की समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया। वे हाथों में तख्तियां लिए पहुंचे जिन पर खराब फसलों, अतिवृष्टि और कर्ज संकट का उल्लेख था।
कांग्रेस विधायक दिनेश गुर्जर ने कहा कि किसानों को न कर्ज माफी मिली, न पर्याप्त बिजली और न ही फसलों के उचित दाम। उनके अनुसार फसल बीमा राशि के नाम पर किसानों को दो-चार सौ रुपये देना, उनके साथ मजाक जैसा है।
चार दिन का छोटा सत्र, विपक्ष की नाखुशी
इस बार शीतकालीन सत्र केवल चार बैठकों में सीमित है। 3 दिसंबर अवकाश होने के कारण यह सत्र 1 से 5 दिसंबर तक ही चलेगा। कांग्रेस ने इस अवधि को बेहद कम बताते हुए कहा कि जनता की समस्याओं पर समुचित चर्चा के लिए इतना समय पर्याप्त नहीं है।
पहले दिन भी छाया रहा किसान मुद्दा
सत्र के पहले दिन नियम 139 के तहत किसानों की फसल खराबी और भारी बारिश से हुए नुकसान पर पांच घंटे की लंबी बहस चली थी। विपक्ष ने आरोप लगाया कि राहत प्रक्रिया अधूरी है और सरकार से व्यवस्थित कार्रवाई की मांग की।
सरकारी नीतियों पर विपक्ष के आरोप
महिदपुर विधायक दिनेश जैन ने कहा कि सरकार किसानों की बजाय उद्योगपतियों के लिए अधिक अनुकूल नीतियां बना रही है। तराना विधायक महेश परमार ने एक बार फिर लैंड पूलिंग एक्ट का नोटिफिकेशन वापस लेने की मांग दोहराई। विपक्ष का कहना है कि राहत राशि अभी तक जमीनी स्तर पर नहीं पहुंची है।
आज होगी दो विधेयकों पर बहस
सदन में आज दो महत्वपूर्ण विधेयक चर्चा के लिए रखे गए हैं। जिनमें मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2025, मध्यप्रदेश नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2025 है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से इन विधेयकों पर विस्तृत चर्चा और हंगामे दार की संभावाना है।