MP Politics : विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को सदन में एक प्रश्न का जवाब देते वक्त गृह विभाग के लिए अधिकृत राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल भावुक होकर रूआंसे हो गए। दो बार तो उन्होंने सिसकियां ली। स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आप भावुक नहीं हों, धैर्य से जवाब दीजिए। सदन में एक मंत्री के इस तरह से भावुक होने पर पूरा सदन हतप्रभ रह गया। हालांकि, बाद में अपने को संभालते हुए उन्होंने सदस्य को जवाब दिए।
क्या विधायक होना पाप हो गया?
दरअसल, उन्होंने रीवा के चोरहटा में पदस्थ थाना प्रभारी को तत्काल निलंबित करने व उच्च स्तरीय जांच का आश्वासन दिया। सदन में प्रश्नकाल के दौरान सेमरिया से विधायक अभय मिश्रा ने खुद व बेटे के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का मामला उठाया था। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा लंदन में रहता है। कभी रीवा में रहा, पर दो वर्षों से इस डर से त्यौहार मनाने नहीं आया कि कहीं उसे फंसा न दिया जाए। उन्होंने मामले का सिलसिलेवार ब्यौरा भी सदन को दिया। उन्होंने कहा कि क्या विधायक होना पाप हो गया है। पहले उन पर व उनके बेटे पर झूठा मुकदमा दर्ज किया गया, इसके बाद उसमें खात्मा भी लगा दिया। क्या हम अपने बच्चे को भी नहीं बचा पाएंगे?
स्पीकर बोले- कोई रास्ता निकाला जाए
स्पीकर तोमर ने कहा कि सामान्य तौर पर हम सभी को ध्यान रखना चाहिए कि जब इस तरह का प्रश्न हो तो कोई रास्ता निकाला जाए। अपने पुत्र के बारे में हम ही प्रश्न पूछें, यह स्थिति ठीक नहीं है। वरिष्ठ सदस्य अजय सिंह ने कहा कि इस मामले में वे स्वयं शामिल हैं। दोनों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। मंत्री पटेल ने जवाब में कहा कि आपकी भावनाओं से सहमत होते हुए उच्च स्तरीय जांच करा लेते हैं। हालांकि, वे इससे सहमत नहीं हुए। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि तत्काल उक्त अधिकारी का निलंबन होना चाहिए।
इसलिए भावुक हुए मंत्री पटेल
दरअसल, कुछ समय पहले मंत्री पटेल के बेटे का भोपाल के शाहपुरा थाने में किसी व्यक्ति से विवाद हुआ था। इसमें पुलिस ने कथित रूप से उनके बेटे के साथ काफी मारपीट की थी। उस वक्त्त पुलिस ने मंत्री की भी नहीं सुनी, मंत्री खुद थाने पहुंचे थे और पुलिस के दुर्व्यवहार से खासे क्षुब्ध हुए थे। संभवत: उसी बात को लेकर उनके मन में कसक रही होगी। सदन में जवाब देते समय पुरानी बातों को याद कर उनके सब्र का बांध टूट गया और वे फफक पड़े।