52 Shaktipeeths 38 Karnataka Chamundeshwari Shaktipeeth: मैसूर के पास स्थित कर्नाट चामुंडेश्वरी शक्तिपीठ, दक्षिण भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह पवित्र शक्तिपीठ देवी दुर्गा के उग्र रूप देवी चामुंडेश्वरी को समर्पित है। श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए यह स्थान भक्ति, इतिहास और दिव्य ऊर्जा का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है। यहाँ से नीचे का मैसूर शहर बेहद सुंदर दिखाई देता है और सांझ का दृश्य अद्भुत माना जाता है। देवी चामुंडेश्वरी दुर्गा के उग्र रूप की आराधनामंदिर की मुख्य अधिष्ठात्री चामुंडेश्वरी देवी, माँ दुर्गा का एक भयानक और शक्तिस्वरूप रूप हैं, जिन्हें महिषासुर-वध के लिए जाना जाता है। यही कारण है कि मैसूर से उत्पन्न नाम “महिषासुरू” से “मैसूर” पड़ा।
पौराणिक महत्व:
कर्नाट चामुंडेश्वरी शक्तिपीठ को 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहीं पर देवी सती के केश (जटा) गिरे थे, जिसके कारण यह स्थान शक्तिपीठ बना। देवी चामुंडेश्वरी ने इसी स्थान पर भयानक राक्षस महिषासुर का संहार किया था। मैसूर के वाडियार राजवंश की कुलदेवी भी चामुंडेश्वरी मानी जाती हैं।
मंदिर की स्थापत्य कला:
चामुंडेश्वरी मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला का एक उत्तम उदाहरण है। मूल निर्माण 12वीं शताब्दी में होयसल राजवंश के विष्णुवर्धन द्वारा कराया गया। वर्तमान भव्य स्वरूप 16वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य ने विकसित किया। ऊँचा गोपुरम, सुंदर नक्काशी व पारंपरिक ड्राॅविड शैली इसे और आकर्षक बनाती है।
मंदिर की विशेषताएँ:
चामुंडी पहाड़ी के शिखर से मैसूर का 360-डिग्री दृश्य दिखाई देता है। विशाल नंदी प्रतिमा, पहाड़ी की ढलानों पर स्थित प्रमुख आकर्षण है। दशहरा पर्व के दौरान यहाँ लाखों श्रद्धालु दर्शन करने पहुँचते हैं। कर्नाट चामुंडेश्वरी शक्तिपीठ केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि इतिहास, आस्था और पौराणिक शक्ति की जीवंत पहचान है। मैसूर की चामुंडी पहाड़ियों में स्थित यह धाम भारत की आध्यात्मिक विरासत का गौरवशाली प्रतीक है।