नई दिल्ली: देश की शीर्ष जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के नए निदेशक की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में एक अहम बैठक चल रही है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय चयन समिति शामिल है, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी तथा भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा नामित सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश भी मौजूद हैं। बैठक का मुख्य एजेंडा सीबीआई के वर्तमान निदेशक सुबोध कुमार जैसवाल के कार्यकाल की समाप्ति के बाद उनके उत्तराधिकारी के नाम पर चर्चा करना है।
तीन सदस्यीय नियुक्ति समिति की सिफारिश पर की जाती है नियुक्ति:
गौरतलब है कि सीबीआई निदेशक की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा गठित चयन समिति की सिफारिश पर होती है। यह समिति तीन सदस्यों की होती है—प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश (या उनके द्वारा नामित एक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश)। इस प्रक्रिया का उद्देश्य एजेंसी की स्वतंत्रता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना होता है।
न्यूनतम दो वर्षों का होता है कार्यकाल :
सीबीआई निदेशक का कार्यकाल न्यूनतम दो वर्षों के लिए निर्धारित होता है। वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिनमें यह स्पष्ट किया गया था कि ऐसा कोई भी अधिकारी, जिसके सेवानिवृत्त होने में छह महीने से कम का समय बचा है, उसे सीबीआई निदेशक के पद के लिए विचार नहीं किया जा सकता। साथ ही, यह भी निर्देश दिया गया कि निदेशक का तबादला केवल चयन समिति की सहमति से ही किया जा सकता है।