MP Nigam Mandal : मध्यप्रदेश बीजेपी के नेता बीते एक साल से निगम मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियां की आस देख रहे है, इसी बीच मोहन सरकार ने ने निगम-मंडलों में अध्यक्षों के खाली पदों पर नियुक्तियां करना शुरू कर दिया है। सरकार ने हाल ही में पहली नियुक्ति की है, जिसमें भाजपा नेताओं को झटका लगा है।
निगम मंडलों में पहली नियुक्ति
दरसअल, निगम मंडलों में नियुक्तियों की शुरुआत राज्य वन विकास निगम से की गई है। वन विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल को निगम के संचालक मंडल का अध्यक्ष मनोनीत किया है। बता दे कि बीते 5 माह पहले सरकार ने निगम-मंडलों से हटाकर संबंधित विभाग के मंत्रियों को कार्यभार सौंपा गया था, लेकिन मोहन सरकार ने पांच महीने में अपना ही आदेश पलटते हुए आइएएस को निगम मंडलों में नियुक्ति देना शुरू कर दिया है। शुरुआत राज्य वन विकास निगम से की है। वन विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल को मंगलवार को निगम के संचालक मंडल का अध्यक्ष मनोनीत किया गया।
2024 में मंडलों को किया था भंग
मोहन सरकार ने 10 सितंबर 2024 को सरकार ने निगम-मंडलों से प्रशासक एवं प्राधिकृत अधिकारियों को हटा दिया था। इनकी जिम्मेदारी विभागीय मंत्रियों को दी थी। अब फिर अफसरों की नियुक्ति शुरू होने से भाजपा में अंदरूनी विरोध तेज हो गया है। अंदाजा लगाया गया था कि सरकार जल्द नए सिरे से राजनीतिक नियुक्तियां करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव को पदेन अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल गई थी। सितंबर 2024 में सरकार ने एक कैबिनेट बैठक में निर्णय लेने के बाद आइएएस को निगम-मंडलों से बाहर किया था तब फिर राजनीतिक नियुक्तियों के, द्वार खुलने की अटकलें तेज हो गईं थीं। हालांकि राजनीतिक जानकारों की माने तो जिस तरह एसीएस को अध्यक्ष मनोनीत किया है, ठीक उसी तरह राजनीतिक नियुक्ति की जा सकती है।
मंत्री नहीं होने के कारण सौंपा कार्यभार
वन विभाग के कुछ अफसरों का तर्क है कि उक्त निगम के अध्यक्ष वन मंत्री होते हैं, जो कि रामनिवास रावत थे। विजयपुर विस उपचुनाव हारने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। तब से विभाग सीएम के पास है। सूत्रों के मुताबिक निगम से जुड़ी रूटीन बैठकों में सीएम का शामिल होना संभव नहीं होता। ऐसे में एसीएस को अस्थाई अध्यक्ष मनोनीत किया है। सूत्रों के मुताबिक विभाग की जमीनें उद्योगों के नाम पर निजी हाथों में देने की तैयारी है।
राजनीतिक नियुक्तियां टली!
प्रदेश के विभिन्न निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियों का लंबे से इंतजार किया जा रहा था। इस फैसले से इनमें नियुक्तियों का रास्ता ताक रहे भाजपा नेताओं को निराशा हो सकती है। कहा जा रहा है कि जिस तरह वर्णवाल को राज्य वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया है, उससे नेताओं की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। सूत्रों की माने तो वर्णवाल को प्रभार सौंपने का फैसला अभी अस्थाई तौर पर किया गया है।