भोपाल : भारत-पाकिस्तान सीमा में बढ़ते तनाव के बीच सरकार ने राजधानी में लगे सायरन सिस्टम को बदलने का फैसला लिया है। यह सायरन 1971 में पाक युद्ध के समय राजधानी भोपाल में लगाया गया था। 54 साल पुराने सायरन सिस्टम का जब हाल ही में मॉकड्रिल के दौरान इस्तिमाल किया गया तब इसकी आवाज कुछ ही इलाकों में पहुंची। जिसकी वजह से मॉक ड्रिल का अभ्यास सफलता पूवक नहीं हो पाया। जिसको देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया।
07 मई को राजधानी भोपाल में हुआ था मॉक ड्रिल
दरअसल, सरकार ने 07 मई को राजधानी भोपाल में मॉक ड्रिल का आयोजन था। जिसमे कुछ समय के लिए शहर को ब्लैकआउट कर दिया था। साथ ही युद्ध के दौरान किस तरह की परिस्थित बन सकती है। इससे अवगत करने के लिए परिक्षण का आयोजन किया था। लेकिन लोगों को सायरन सिस्टम पुराना होने के चलते आवाज सुनाई नहीं दी।
प्रशासन के हाथ में होगा पूरा कंट्रोल
ऐसे में अब सरकार ने यह सायरन शहर के प्रमुख स्थान और बाजारों में लगाने का फैसला लिया है। इसका पूरा कंट्रोल प्रशासन के पास होगा। यह सिस्टम कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जुड़ा रहेगा। इसके साथ ही स्कूल-कॉलेज में स्टूडेंट्स को भी सायरन से अवगत कराया जाएगा। ताकि कभी युद्ध जैसी स्थिति बने। तो उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं।