जो युवतियां पहले 800 रुपये में "गलत" काम करती थीं, अब वे सुरक्षा एजेंसियों के लिए "जेम्स बॉन्ड" बनने जा रही हैं। यह बदलाव सियालदह जा रही ट्रेन से सीक्रेट ऑपरेशन के दौरान गिरफ्तार की गई दो युवतियों की गिरफ्तारी के बाद हुआ है।
गिरफ्तारी के बाद पद्मा और मिठू नामक दोनों युवतियों ने खुलासा किया था कि वे एक अज्ञात महिला और श्यामन विश्वास के इशारे पर न केवल गलत काम करती थीं, बल्कि कठपुतलियों की तरह नाचती थीं। उन्हें फोन पर बताया जाता था कि किससे और कहां मिलना है। हर ट्रिप के एवज में उन्हें 800 रुपये का भुगतान मिलता था।
दोनों युवतियों की गिरफ्तारी के बाद, सुरक्षाबलों ने पाया कि भारत-बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सक्रिय कुख्यात गिरोह कानून की गिरफ्त से बचने के लिए गरीब और भोले-भाले लोगों का इस्तेमाल करते हैं। इनको पहले थोड़े से पैसों का लालच देकर अपने जाल में फंसाया जाता है, फिर सोने की तस्करी सहित तमाम गलत कामों और अपराधों में संलिप्त कर दिया जाता है। इनके निशाने पर हमेशा गरीब लोग ही होते हैं, जिससे उनका काम बेहद आसानी से बिना खर्चे के हो जाए।
सुरक्षाबल से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस तरह के तमाम पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सुरक्षाबल ने "आई एण्ड इयर" स्कीम के तहत इन युवतियों को जोड़ा है। सुरक्षाबल ने इनको हेल्पलाइन नंबर 14419 के साथ-साथ बीएसएफ के बंगाल फ्रंटियर मोबाइल नंबर 9903472227 उपलब्ध कराया गया है। इन नंबरों पर व्हाट्सएप संदेश या सोने की तस्करी से जुड़े वॉइस मैसेज भी भेजे जा सकते हैं। पुख्ता जानकारी देने वाले को इनाम राशि दिया जाएगा। साथ ही, इनकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।
यह एक सकारात्मक कदम है कि सुरक्षा एजेंसियां गरीब और भोले-भाले लोगों का इस्तेमाल करने वाले गिरोहों से लड़ने के लिए "आई एण्ड इयर" स्कीम के तहत युवतियों को शामिल कर रही हैं। यह योजना न केवल सोने की तस्करी को रोकने में मदद करेगी, बल्कि इन युवतियों को भी एक नया जीवन शुरू करने का अवसर देगी।