MP Cabinet Expansion : मध्यप्रदेश बीजेपी की राजनीति से एक खबर बीते दो दिनों से इस बात की तस्दीक कर रही है कि मोहन सरकार जल्द ही मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकती है। बीजेपी के एक बड़े धड़े की माने तो सरकार में से कुछ मंत्रियों को बाहर किया जा सकता है और नए मंत्री बनाए जा सकते है। वर्तमान में मोहन सरकार में 31 मंत्री है। नियम अनुसार सरकार में 4 पद खाली है।
हटाए जा सकते है ये मंत्री?
बीजेपी सूत्रों की का कहना है कि मोहन सरकार के मंत्रियों के कामकाज की रिपोर्ट हर महीने तैयार की जाती है। जिनमें से कुछ मंत्रियों की रिपोर्ट निरंतर खराब आ रही है। जिसके चलते खराब रिपोर्ट वाले मंत्रियों को हटाकर नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि सत्ता और संगठन की कोशिश है कि सरकार में कुछ पुराने और कुछ नए चेहरों को मौका दिया जाए। हालांकि यह सब दिल्ली आलाकमान से हरी झंडी मिलने के बाद ही होगा।
दावेदारों की बड़ी धड़कने
मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट के बीच दावेदारों की धड़कने बढ़ने लगी है। दावेदार भोपाल से दिल्ली की परिक्रमा करने भी लगे है। सीएम मोहन जब भी दिल्ली के दौरे पर जाते है तो प्रदेश में सियासी सरगर्मियां बढ़ जाती है। मध्यप्रदेश के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बाद अब मध्यप्रदेश में चर्चा होने लगी है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि केंन्द्रीय नेतृत्व की मंजूरी मिलने के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष के ऐलान के बाद संभवता मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है।
पूर्व मंत्रियों को मौका?
आपको बता दें कि प्रदेश में मोहन सरकार बनने डेढ़ साल पूरा होने जा रहा है, लेकिन सरकार में अबतक राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हो सकती है। जिसके चलते बीजेपी के कई नेता पद की आस लगाए बैठे है। माना जा रहा है कि मोहन सरकार अगर मंत्रिमंडल का विस्तार करती है तो सत्ता और संगठन क्षेत्रीय संतुलन साधने के हिसाब से पूर्व मंत्रियों को सरकार में मौका दे सकती है। जिसमें पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री जयंत मलैया, पूर्व मंत्री हरिशंकर खटीक, पूर्व मंत्री ब्रजेंद्र प्रताप सिंह और पूर्व मंत्री संजय पाठक शामिल है। इसके अलावा छिंदवाड़ा की अमरवाड़ से भाजपा विधायक कमलेश शाह को भी सरकार में शामिल किया जा सकता है। बीजेपी नेताओं की माने तो मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले हो सकता है।