भोपाल। भोपाल रेल मंडल की एक ऐसी ट्रेन जिसके नाम कई आवार्ड हैं, जो कि राजधानी से देश की राजधानी को जोड़ती है। अपने टाइम प्रबंधन व स्वच्छता के कारण भोपाल के यात्रियों के लिए यह ट्रेन शान बन गई। शायद इसीलीए इस ट्रेन का नाम शान-ए-भोपाल हो गया। मंडल रेल प्रबंधक देवाशीष त्रिपाठी के मार्गदर्शन में भोपाल मंडल की प्रतिष्ठित ट्रेन शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस 12155/12156 ने समय की पाबंदी, उच्च स्तरीय साफ-सफाई और उत्कृष्ट सेवाओं के आयाम स्थापित करते हुए 23 मई को अपनी गौरवमयी सेवा के 25 वर्ष पूर्ण किए। इन 25 वर्षों में भोपाल एक्सप्रेस ने रेलवे बोर्ड द्वारा बनाए गए मानकों पर खरा उतरते हुए कई बार अवार्ड प्राप्त किए हैं और भोपाल रेल मंडल की शान बनी है।
सिल्वर जुबली उत्सव मनाया
शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस के गौरवशाली 25 वर्षों की सेवा पूर्ण करने पर सिल्वर जुबली उत्सव मनाया। इस विशेष अवसर पर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर रेल फैंस, ट्रेन के चालक दल लोको पायलट व गार्ड और रेलवे अधिकारियों ने मिलकर हर्षोल्लास के साथ केक काटकर जन्मदिन मनाया। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस, भारतीय रेलवे की एक महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित ट्रेन है। यह ट्रेन 2003 में भारतीय रेलवे की पहली आईएसओ प्रमाणित ट्रेन बनी थी। इसके उच्चतम सेवा मानकों और प्रबंधन प्रणाली के कारण, 2021 में इसे भारतीय रेलवे की पहली आईएमएस इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम प्रमाणित ट्रेन का भी गौरव प्राप्त हुआ। इसके अलावा, 2018 में शान-ए-भोपाल को रेलवे की आदर्श ट्रेन का पुरस्कार भी दिया गया।