नई दिल्ली: भारत सरकार ने जनगणना 2027 को लेकर अहम जानकारी साझा की है। गृह मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि इस बार की जनगणना दो चरणों में की जाएगी और इसमें जातिगत गणना भी शामिल होगी।
बर्फीले क्षेत्रों में जनगणना 1 अक्टूबर 2026 से :
मंत्रालय के अनुसार, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे बर्फीले क्षेत्रों में जनगणना की शुरुआत 1 अक्टूबर 2026 से होगी। वहीं देश के बाकी हिस्सों में यह प्रक्रिया 1 मार्च 2027 से शुरू की जाएगी। गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, बर्फीले क्षेत्रों के लिए संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर 2026 की आधी रात (12 बजे) निर्धारित की गई है। मंत्रालय ने बताया कि जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 के तहत इस आशय की अधिसूचना 16 जून 2025 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी।
मकानों की गिनती, लोगों की गणना के साथ जातिगत आंकड़ों का भी होगा संग्रह:
भारत में जनगणना की प्रक्रिया जनगणना अधिनियम, 1948 और जनगणना नियम, 1990 के अंतर्गत संचालित होती है। पिछली जनगणना 2011 में हुई थी, जिसमें दो चरण शामिल थे — पहला चरण 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2010 के बीच हुआ जिसमें मकानों की गिनती की गई, जबकि दूसरा चरण 9 फरवरी से 28 फरवरी 2011 तक चला जिसमें लोगों की गणना हुई। जनगणना 2027 में जातिगत आंकड़ों का संग्रह भी किया जाएगा, जिससे सरकार को सामाजिक-आर्थिक योजनाओं के निर्माण में बेहतर डेटा मिल सकेगा।
कोरोना के कारण नहीं हो सकी थी 2021 में जनगणना:
गृह मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2021 में प्रस्तावित जनगणना भी दो चरणों में कराई जानी थी। पहले चरण की योजना अप्रैल से सितंबर 2020 तक और दूसरे चरण की योजना फरवरी 2021 में थी। मंत्रालय ने बताया कि पहले चरण की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई थीं और एक अप्रैल 2020 से कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में क्षेत्रीय कार्य शुरू होने वाला था। लेकिन, उसी दौरान देशभर में फैली कोविड-19 महामारी के कारण जनगणना की प्रक्रिया को स्थगित करना पड़ा। अब सरकार ने निर्णय लिया है कि अगली जनगणना के साथ-साथ जातिगत आंकड़ों का भी संग्रह किया जाएगा।