भोपाल। छोटे बच्चों के साथ सर्दी के इस सीजन अगर आप ट्रेनों में सफर कर रहे हंै तो बच्चों को सर्दी से बचाने के लिए विशेष इंतजाम के साथ सफर करें, नहीं तो बच्चों को सर्दी लग सकती है। दरअसल, चार दिन पहले ट्रेन में सफर के दौरान दो साल की बच्ची को सर्दी लगाने से उसका शरीर अकड़ गया था। भोपाल स्टेशन पर ट्रेन के हाल्ट के दौरान माता-पिता की रोने की आवाज सुन ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ सुरक्षाकर्मी ने अपनी सतर्कता और मानवीयता दिखाई। सबसे पहले बच्चों को बचाने व शरीर गर्म करने के लिए हाथ-पैर रगड़े और सिर दबाया। कुछ ही देर में बच्ची को हल्का होश आ गया। इसके बाद बच्ची को स्टेशन के पास पुष्पा नगर में निजी अस्पताल पहुंचाया। जहां बच्ची का चार दिन इलाज बाद वह अब पूरी तरह स्वस्थ हो गई।
आरपीएफ जवानों को दी जाती है ट्रेनिंग
भोपाल स्टेशन आरपीएफ टीआई अनिल कुमार ने बताया कि भोपाल स्टेशन बच्ची की हालत बिगड़ने पर आरपीएफ जवान ने बच्ची को अटेंड किया। उसके के हाथ पैर गर्म किए। इस तरह के हालत से निपटने के लिए आरपीएफ जवानों व अन्य अधिकारियों को इस तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके चलते कई बार हार्ट अ्टैक सहित अन्य बीमारों की आरपीएफ द्वारा जान बचाई जाती है।
माता-पिता के रोने की आवाज सुनकर पहुंचे
जानकारी के अनुसार मुरैना के रहने वाले अब्दुल बाकिर (पिता सत्तार खान) 16 जनवरी को दो साल की बच्ची आयशा के साथ सफर कर रहे थे। इस दौरान बच्ची को सर्दी लग गई। जब ट्रेन संख्या 12537 ट्रेन सुबह भोपाल स्टेशन से रवाना होने लगी, इसी दौरान ट्रेन से माता-पिता की रोने की आवाज सुन आरपीएफ जवान विजय कौशल तुरंत वहां पहुंचे। उन्होंने महिला की गोद से बच्ची को लिया, जो बेहोश अवस्था में थी। तुरंत यात्रियों से पानी मंगवाकर बच्ची के मुंह पर पानी डाला, उसकी आंखें मली, हाथ-पैर रगड़े और सिर दबाया। कुछ ही देर में बच्ची को हल्का होश आ गया। बच्ची के माता-पिता घबराए हुए थे और रो रहे थे।
इस दौरान आरपीएफ एएसआई संध्या चौधरी भी पहुंच गई। इसके बाद तत्काल बच्ची की हालत देखकर अस्पताल ले जाने की सलाह दी। गार्ड लॉबी के ड्राइवर हैदर ने स्थिति को समझते हुए अपनी सरकारी गाड़ी में बच्ची और उसके माता-पिता को बैठाकर नजदीकी पुष्पा नगर के एक निजी अस्पताल में पहुंचाया। वहां के डॉक्टर्स ने बताया कि निमोनिया था। बच्ची को सफर के दौरान और सर्दी लग गई। निमोनिया की वीकनेस कारण आयशा के साथ ऐसा हुआ था। डॉक्टरों का कहना है कि सर्दी के सीजन में बच्चों के साथ सफर के दौरान विशेष इंतजाम रखना चाहिए। हाथ-पैरों में खासतौर से गर्म कपड़े पहनाकर ही सफर करे। ट्रेन की खिड़की को भी बंद रखे।