भोपाल। कर्मचारी जगत में सिंघल आयोग की रिपोर्ट चर्चा का विषय बनी हुई है। यह आयोग कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों पर विचार हेतु गठित किया गया था। विसंगतियां बहुत हैं और कर्मचारी संगठनों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि उनकी विसंगति को शामिल किया गया है अथवा नहीं। यह असमंजस इस कारण से और बढ़ गया है क्योंकि सिंघल आयोग ने किसी भी कर्मचारी संगठन से वार्ता/मुलाकात नहीं की थी।
समस्याग्रस्त कर्मचारियों से मिलना उचित नहीं समझा
इनकी आपत्ति है कि समस्याओं का समाधान करना था उन्हीं से मिलना आयोग ने जरुरी नहीं समझा था। मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ द्वारा मांग की गई है कि सिंघल आयोग की रिपोर्ट कर्मचारी संगठनों को शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाकर उस पर सभी संगठनों की राय सुझाव लिए जाने चाहिए। तदुपरांत आयोग की अनुशंसाओं और संगठनों के सुझावों के बीच तालमेल स्थापित कर आगामी कार्रवाई की जानी चाहिए। नहीं तो विसंगतियों का निराकरण नहीं हो सकेगा और हर नया आयोग नयी विसंगतियों को जन्म देता रहेगा।