भोपाल। राजधानी में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मौसम बदलने के साथ यह हमलावर हो जाते हैं। सर्दी के अलावा गर्मी में भी इनसे बचकर रहना जरूरी है, लेकिन इनकी आबादी रोकना जरूरी है। नगर निगम के वेटनरी विभाग ने केंद्र सरकार के पास एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें कहा गया है कि यहां पर 3 एबीसी सेंटर से आवारा कुत्तों की लगातार आबादी बढ़ती जा रही संख्या को रोकना संभव नहीं है। केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार भोपाल में कम से कम 9 एबीसी सेंटर होना चाहिए।
निगम अफसरों ने बताया कि 3 एबीसी सेंटर में हर साल 20 हजार आवारा कुत्तों की नसबंदी हो रही है। इस समय इनकी आबादी 1.20 लाख है। अगर नसबंदी की यही गति रही तो बढ़कर संख्या दोगुनी हो जाएगी। एक अनुमान के अनुसार भोपाल में 30 हजार फीमेल स्ट्रीट डॉग हैं, जो एक बार में 6 से 8 बच्चे देती हैं। इसमें से कम से कम 4 बचते हैं। एक साल में दो बार बच्चे होने से एक फीमेल स्ट्रीट डॉग से 8 बच्चे अगर बचे तो 30 हजार से एक साल ये ढाई लाख के करीब हो जाएंगे जबकि रोकथाम सिर्फ 20 हजार की हो पा रही है। इसलिए केंद्र के पास प्रस्ताव भेजकर 9 एबीसी सेंटर बनाने को कहा है।
नई गाइड लाइन भी जारी की
नगर निगम के द्वारा नई गाइड लाइन जारी कर कहा है कि मौसम बदलने पर आवारा कुत्तों से बचना बेहद जरूरी है। क्योंकि बदलते मौसम में यह कुत्ते आपस में ही झगड़ते हैं और किसी आदमी द्वारा इन्हें छेड़ा गया तो हमलावर हो जाते हैं। इसके अलावा इस समय इन्हें भोजन नहीं मिल रहा हो तो ऐसे में भूखे पेट रहने से भी ये हमला कर देते हैं।
केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है
राजधानी में कम से कम 9 एबीसी सेंटर होना चाहिए। क्योंकि केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार हर वार्ड के बीच में एक एबीसी सेंटर होना चाहिए। इसको लेकर केंद्र सरकार के पास नए एबीसी सेंटर बनाने प्रस्ताव भेजा है।
डॉ. बीपी सिंह, वेटनरी चिकित्सक, नगर निगम