भोपाल। बैरसिया थाना क्षेत्र स्थित गुरुकुल के पास भैंसोदा गांव में शुक्रवार शाम सद्गुरु ट्रेवल्स की जिस बस का हादसा हुआ, उसे आधा घंटे पहले ही पुलिस ने शमशाबाद चौराहा पर रोका था। वहां पुलिस ने बस का परमिट, फिटनेस और बीमा पूछा था। बस ड्राइवर ने सभी कागजात दिखाए। इसके बाद पुलिस ने बस ड्राइवर को जाने दिया। इसके बाद बस बैरसिया बस स्टाॅप पर रुकी और फिर भोपाल के लिए रवाना हुई थी। बस का ड्राइवर भैंसोदा गुरुकुल कॉलेज के पास पहुंचा ही था कि सामने से आ रही एंबुलेंस से उसकी भिड़ंत हो गई। थाना प्रभारी नरेंद्र कुलस्ते ने बताया कि एक्सीडेंट की सूचना मिली तो वह स्टाफ के साथ शमशाबाद चौराहा पर यात्री और स्कूल बसों की रुटीन चैकिंग कर रहे थे। करीब आधा घंटे बाद सूचना मिली कि सद्गुरु ट्रेवल्स की बस का एक्सीडेंट हो गया है। करीब सात मिनट बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई थी। इसके बाद घायलों को बैरसिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैरसिया पहुंचाया गया।
भोपाल से मरीज छोड़कर लौट रही थी एंबुलेंस
इस भीषण हादसे में नेतराम वंशकार, पिता भीकम सिंह वंशकार (35) निवासी चाटाखेड़ी, थाना बैरसिया और कमलेश राजपूत पिता बाबूलाल राजपूत (38) निवासी, गांव रमगढ़ा, बैरसिया की मौके पर ही मौत हो गई थी। नेतराम वंशकार ईएमटी था, जबकि कमलेश राजपूत पायलेट था। दोनों भोपाल में मरीज को छोड़कर लौट रहे थे, तभी सामने से आ रही तेज रफ्तार बस ने एंबुलेंस को सामने से टक्कर मार दी। हादसे में बस सवार आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं। घायलों में जहांगीराबाद निवासी 54 साल के उमर बेग और अजय गोहिया (45) निवासी करोंद के नाम आए है। बाकी लोगों को अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जाता है कि एक महिला को गंभीर चोट हैं और उन्हें भोपाल रेफर किया गया है।
डेशबोर्ड, स्टेयरिंग पीछे की ओर खिसक गए
थाना प्रभारी नरेंद्र कुलस्ते ने बताया कि हादसे के बाद पुलिस की टीम ने ग्रामीणों की मदद से नेतराम और कमलेश का शव करीब चालीस मिनट की मशक्कत के बाद निकाला। सामने से जोरदार टक्कर लगने के कारण डेशबोर्ड और स्टेयरिंग पीछे की तरफ खिसक गए थे। पीछे मरीज का कैबिन होने के कारण कैबिन के पार्टिशन और स्टेयरिंग के बीच पायलेट फंसा हुआ था, जबकि ईएमटी डेशबोर्ड और पार्टिशन में फंस गया था।
सड़क पर बहा आयल, धुंआ निकला
जोरदार भिड़ंत होने के कारण 108 एंबुलेंस का अगला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है। इसके अलावा एंबुलेंस का डीजल टैंक भी लीक हो गया था और डीजल बहने लगा था। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों इंजन से निकल रहे धुंए पर रेत और मिट्टी डाली बावजूद इसके धुंआ निकल ही रहा था। यदि समय पर मिट्टी और रेत नहीं डाली जाती तो एंबुलेंस आग पकड़ लेती।
आला अधिकरियों ने दिए थे बस चेक करने के निर्देश
बैरसिया थाना प्रभारी नरेंद्र कुलस्ते ने बताया कि गुना हादसे के बाद आला अधिकारियों ने सख्त निर्देश दिए थे कि यात्री बसों का और स्कूल बसों को चेक किया जाए। पुलिस की टीम सुबह से ही चैकिंग में लगी थी। शाम को भी पुलिस बसों की चैकिंग कर रही थी। सद्गुरु ट्रेवल्स की जिस बस को चेक किया था। उसका करीब आधा घंटे बाद ही भैंसोदा के पास एक्सीडेंट हो गया।