भोपाल। राजधानी में 11 मील बायपास से बंगरसिया तक की सड़क मॉडल सड़क के रूप में बनेगी। अभी यहां पर जो सड़क बनी है, उसके मटेरियल को दोबारा उपयोग किया जाएगा। इस तकनीक के लिए हरी झंडी मिल चुकी है। इसलिए पीडब्ल्यूडी जल्द सड़क बनाना शुरू करेगा।पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के अनुसार 11 मील से बंगरसिया तक की सड़क की हालत काफी समय से खराब है। इससे दूर दराज के क्षेत्रों व भोजपुर जाने वाले सैकड़ों लोग परेशान होते हैं। 6 किमी लंबी सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी है। इस सड़क के बनने से रायसेनए विदिशाए बैतूल जाने वाले लोगों को भी राहत मिलेगी। पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर संजय मस्के ने बताया कि भोपाल के 11 मील से बंगरसिया तक फोरलेन बना रहे हैं। इसमें नई एफडीआर तकनीक का उपयोग करेंगे। सड़क को तोड़ने में जो भी मटेरियल निकलेगा, उसे रियूज करेंगे। यह प्रदेश में मॉडल रोड बनेगी।
नई तकनीक एक रिसाइकिलिंग पद्धति है
एफडीआर टेक्नोलॉजी फुल डेप्थ रिक्लेमेशन एक रिसाइकिलिंग पद्धति है। इसमें बहुत ही कम संसाधनों में टिकाऊ सड़कें बनाई जा सकती हैं। खराब हो चुकी पक्की सड़क को उखाड़कर उससे निकलने वाले मटेरियल में केमिकल मिलाकर नया मटेरियल तैयार किया जाता है और फिर उसे सड़क पर डाला जाता है। इससे की लागत कम आती है।
200 पेड़ भी कटेंगे
उन्होंने बताया कि इस मार्ग के बनते समय 200 पेड़ कटेंगे। इसके बदले 80 लाख रुपए दिए हैं। ज्यादातर पेड़ यूकेलिप्टस के है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने वन विभाग को 80 लाख रुपए भी जमा किए हैं। अनुमति नहीं मिलने की वजह से पेड़ नहीं काटे जा सके थे।