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ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच INSACOG ने सरकार को दी सलाह, कहा- बूस्टर डोज देने पर करे विचार

ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच INSACOG ने सरकार को दी सलाह, कहा- बूस्टर डोज देने पर करे विचार

देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरों के बीच शीर्ष भारतीय जीनोम वैज्ञानिकों ने 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना टीकों की 'बूस्टर' (तीसरी) खुराक का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि इस आयु वर्ग के लोगों के संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है। यह सुझाव 'इंडियन सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम' (INSACOG) के साप्ताहिक बुलेटिन में दिया गया है। INSACOG की स्थापना सरकार द्वारा कोविड-19 के जीनोम अनुक्रमण का विश्लेषण करने के लिए की गई थी।

INSACOG बुलेटिन में कहा गया है, "जिन लोगों के लिए जो उच्च जोखिम में हैं और 40 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को 'बूस्टर' खुराक देने पर विचार किया जा सकता है। सबसे पहले उन लोगों को चुना जाए जिन्हें संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा है।

देश में महामारी की स्थिति पर लोकसभा में चर्चा के दौरान सांसदों ने कोविड -19 टीकों की 'बूस्टर' खुराक की मांग के बाद यह सिफारिश की है। INSACOG ने कहा कि इस तरह की उपस्थिति का जल्द पता लगाने के लिए जीनोमिक निगरानी आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को कारगर बनाने के लिए महत्वपूर्ण होगी।

इसमें सुझाव दिया कि प्रभावित इलाकों से आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखी जाए, उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान की जाए और जांच बढ़ाई जाए। बता दें कि देश में अब तक कोरोना के ओमाइक्रोन वेरिएंट के दो मामलों की पुष्टि हो चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज कहा कि भारत में कोविड-19 के नए 'ओमाइक्रोन' रूप के संक्रमण के दो मामले सामने आए हैं और जोखिम वाले देशों के 16 हजार यात्रियों का आरटी- पीसीआर परीक्षण में किया गया है।

18 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जिनकी जीनोम अनुक्रमण यह पता लगाने के लिए किया जा रहा है कि उनमें से कितने इस नए रूप से संक्रमित हैं। बच्चों के बूस्टर डोज और टीकाकरण के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस पर वैज्ञानिक सलाह के बाद फैसला लिया जाएगा।


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