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दिल्ली में फल-सब्जियों के दामों में भारी उछाल, व्यापारियों ने बताया- अभी और बढ़ेंगे रेट

दिल्ली में फल-सब्जियों के दामों में भारी उछाल, व्यापारियों ने बताया- अभी और बढ़ेंगे रेट

Vegetables Fruits Price Hike महाराष्ट्र और कर्नाटक (Maharashtra and Karnataka) में भारी बरसात के कारण फसल को हुए नुकसान की वजह से दिल्ली (Delhi) में फल-सब्जियों के दामों में इजाफा देखने को मिल रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर टमाटर और प्याज (Tomatoes and Onions) के रेट पर पड़ा है। इस बारे में सब्जी व्यापारियों (Vegetable Traders) ने जानकारी दी है।

उन्होंने कहा कि सब्जियों की थोक कीमतों में 10 रुपये से 15 रुपये प्रति किलो के बीच वृद्धि हुई है। जबकि खुदरा बाजार में यह कीमत वृद्धि करीब 15-20 रुपये प्रति किलो के दायरे में हुई है। सब्जी व्यापारियों ने संकेत दिया कि अगर इसी तरह की स्थिति बनी रही तो आने वाले हफ्तों में ये और महंगी हो सकती हैं।

दिल्ली की मंडियों में टमाटर और प्याज के भाव में तेजी आई

दिल्ली में टमाटर की कीमतें 50 रुपये से 60 रुपये प्रति किलो के बीच हैं, जबकि पहले यह लगभग 40 रुपये प्रति किलो थीं। इसी तरह प्याज की कीमतों में भी बढ़ोतरी की गई है और अब, यह लगभग 50 रुपये प्रति किलो है जो पहले लगभग 35-40 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचा जा रहा था। उन्होंने कहा कि थोक कीमतों में बढ़ोतरी के कारण ऐसा हुआ है। दिल्ली की मंडियों में टमाटर और प्याज के भाव में तेजी आई है। उधर, लोगों को प्रशासन की ओर से राहत नहीं मिल रही है। वहीं बारिश के चलते सब्जियों और फलों की सप्लाई पर भी असर पड़ रहा है। दिल्ली में अनार 70 से 120 रुपये तो नारियल पानी 40 से 50 रुपये में मिल रहा है। वहीं सेब की कीमत भी आसमान पर पहुंच गया है। सेब 100 से 140 रुपये बिक रहा है।

ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से सब्जियों के दामों पर पड़ा असर

गाजीपुर थोक सब्जी एवं फल बाजार के अध्यक्ष एस पी गुप्ता ने कहा कि इन सब्जियों की आपूर्ति की कमी होने से प्याज और टमाटर जैसी मुख्य सब्जियों के थोक भाव करीब 10-15 रुपये प्रति किलो बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में सबसे ज्यादा प्याज और टमाटर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक से आता है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण वहां प्याज और टमाटर की फसल खराब हो गई। उन्होंने कहा कि ईंधन की कीमतों, विशेष रूप से डीजल की कीमत बढ़ाये जाने के कारण, सब्जियों के परिवहन की लागत बढ़ गई है। इसलिए आपूर्ति में कमी के साथ, बढ़ी हुई परिवहन लागत अब थोक के साथ-साथ खुदरा बाजारों में सब्जियों को महंगा करके अपना प्रभाव दिखा रही है।


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