होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
जरा हटके
सेहत
अध्यात्म
फैशन/लाइफ स्टाइल

 

वीरता पुरस्कार के लिए चयनित हुआ 11 वर्षीय दुर्गेश, साहस और हिम्मत से बचाई थी तीन भाइयों की जिंदगी

वीरता पुरस्कार के लिए चयनित हुआ 11 वर्षीय दुर्गेश, साहस और हिम्मत से बचाई थी तीन भाइयों की जिंदगी

रायपुर। राजधानी से सटे अमलेश्वर थाना क्षेत्र स्थित खुड़मुड़ा गांव में 21 दिसंबर को 11 वर्षीय दुर्गेश ने अपनी आंखों के सामने अपने दादा-दादी, माता-पिता की हत्या होते देखा। उन हत्यारों से डरने के बजाय दुर्गेश ने साहस और हिम्मत का परिचय देते हुए अपनी जान की पहरवाह किए बगैर घर पर सो रहे अपने अन्य तीन भाइयों की जिंदगी सुरक्षित करने बोरे से ढककर जान बचाई। दुर्गेश की इसी हिम्मत और बहादुरी को देखते हुए महिला बाल विकास विभाग ने दुर्गेश का नाम राज्य वीरता पुरस्कार के लिए चयनित किया है।

गौरतलब है, खुड़मुड़ा में 20-21 दिसंबर की दरमियानी रात अज्ञात हत्यारों ने बाला सोनकर, उसकी पत्नी दुलारी, बेटे रोहित तथा बहू कीर्ति की निर्ममता पूर्वक हत्या कर उनमें से तीन की लाशें घर के पानी टंकी में डाल दी। अपने माता-पिता, दादा-दादी की चीख पुकार सुन दुर्गेश को घर में अनहोनी होने की आशंका हो गई थी। इसके बाद दुर्गेश अपने तीन छोटे भाइयों की जान बचाने घर में पड़े बोरे को ढककर अकेले हत्यारों का सामना करने पहुंच गया। इसी बीच एक हत्यारे ने दुर्गेश का सिर दीवार पर दो से तीन बार पटककर बेसुध कर दिया और मरा समझ कर अपने अन्य साथियों के साथ फरार हो गया।

बोरे ढकने की जानकारी ग्रामीणों के साथ पुलिस ने दी

बता दें की खुड़मुड़ा हत्याकांड को लेकर हरिभूमि की टीम लगातार खुड़मुड़ा जाकर पड़ताल कर रही थी। इसी बीच 27 दिसंबर को स्थानीय ग्रामीणों तथा वहां मामले की पड़ताल से जुड़े एक पुलिसकर्मी ने दुर्गेश के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दुर्गेश ने कैसे अपने भाइयों की बोरे से ढककर जान बचाई। इसके बाद हरिभूमि की टीम ने दुर्गेश की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबर प्रकाशित होने के बाद दुर्गेश का चयन राज्य वीरता पुरस्कार के लिए किया गया है।

वीरता पुरस्कार के लिए इन दो बच्चों का भी चयन

दुर्गेश के साथ राज्य वीरता पुरस्कार के लिए रायपुर टिकरापारा निवासी 11 वर्षीय उन्नति शर्मा पिता डॉ. हेमंत शर्मा का नाम राज्य वीरता पुरस्कार के लिए चयन किया गया है। उन्नति ने अपने घर में लगी आग के बीच घर के अंदर दाखिल होकर मेन स्विच बंद कर अपने ढाई वर्षीय भाई श्रीहान को घर से सुरक्षित बाहर निकाला। घटना 13 मार्च 2020 की है। इसी तरह धमतरी, कुरुद निवासी 12 वर्षीय जानवी राजपूत पिता भरत भूषण राजपूत ने 15 अगस्त 2019 को घर की छत पर खेल रहे अपने पांच वर्षीय छोटे भाई शिवांस को करंट प्रवाहित हो रहे बिजली तार की चपेट में आने के बाद अपनी जान जोखिम में डालकर जान बचाई। इस वजह से इस बच्ची का नाम भी राज्य वीरता पुरस्कार के लिए चयन किया गया है।

पुरस्कार के लिए चयन

खुड़मुड़ा मामले में हरिभूमि ने दुर्गेश के साहस की खबर प्रकाशित की, उसी आधार पर चयन समिति ने दुर्गेश का नाम वीरता पुरस्कार के लिए चयन किया है।


संबंधित समाचार