Shani ke Upay: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को कर्म, न्याय और अनुशासन का ग्रह माना जाता है। जब शनि देव किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में कुछ विशेष स्थानों से गोचर करते हैं, तो उसे साढ़े साती या शनि ढैय्या कहा जाता है। यह समय जीवन में चुनौतियां और सबक लेकर आते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि को सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। शनि एक राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं। कहा जाता है कि जिन लोगों की कुंडली में शनि रहता है। उन राशि के जातकों के जीवन, करियर और व्यापार पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
इसी कड़ी में नए साल यानि की 2026 में शनि एक बार फिर राशि परिवर्तन करने जा रहे है। जिसके चलते कुछ राशि के जातकों के जीवन में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या या तो समाप्त हो जाएगी, या फिर शुरू। तो चलिए जानते है। नए साल में किन राशियों पर पड़ेगा शनि का शुभ और अशुभ प्रभाव ..,
इन राशियों पर पड़ेगा साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव
ज्योतिषियों के मुताबिक, साल 2025, मार्च में शनि मीन राशि में गोचर कर चुके हैं। उनके इस राशि में आने से मेष राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा। इसके अलावा मीन पर दूसरा और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण लगने जा रहा है। इन तीन राशियों पर शनि का प्रभाव साल 2027 तक बना रहेगा। ऐसे में नववर्ष 2026 में भी इन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती रहने वाली है। इसके अलावा धनु और सिंह राशि पर भी शनि की ढैय्या का प्रभाव बना रहेगा। ऐसे में इन राशि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है।
शनि के प्रभाव से बचाव के उपाय
= ज्योतिषियों की मानें, तो 43 दिनों तक शनि भगवान के चरणों में तेल अर्पित करने से कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। साथ ही महाराज की कृपा बरसती है।
= शनिवार के दिन शाम को पीपल वृक्ष के नीचे तेल का दीपक जलाएं। इस दौरान शनि चालीसा का पाठ करें। इसके बाद काली चीजों का दान करें। इससे शनि प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं।
= मान्यता के अनुसार, शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ करने से साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है। साथ ही काली गाय की पूजा और उसे चारा खिलाने पर साढ़ेसाती व ढैय्या का प्रभाव कम होता है। साथ ही अटके काम पूरे होते हैं।
= शनिवार के दिन गलती से भी तामसिक भोजन का सेवन न करें। इसके अलावा महिला का अपमान, किसी से लड़ाई व कटु वचन बोलने से बचें। इसके प्रभाव से शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता है।
= प्रभाव कम करने के लिए शनिवार को एक रात पहले भीगे चने की दाल और हल्दी, लोहे का टुकड़ा व जला हुआ कोयला एक काले रंग के वस्त्र में बांध लें। इसके बाद इसको आप शनि मंत्र का स्मरण करते हुए उस जल में प्रवाहित करें। इससे तनाव, कर्ज, रोग और क्लेशों से मुक्ति मिलती हैं।