मनोज रजक, सतना : सतना के सरदार वल्लभभाई पटेल जिला अस्पताल से जुड़ी गंभीर घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। मासूम बच्चों को HIV पॉजिटिव खून चढ़ाए जाने के मामले की जांच अभी पूरी भी नहीं हो पाई थी कि अब अस्पताल परिसर के आसपास चल रहे अवैध खून कारोबार का सनसनीखेज खुलासा हुआ है।
एसडीएम का प्लान और पर्दाफाश
जानकारी के अनुसार रघुराज नगर एसडीएम राहुल सिलाडिया ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए खून की दलाली में शामिल एक आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई अस्पताल के बाहर पान की गुमटियों और फल के ठेलों के आसपास की गई, जहां से लंबे समय से खून की अवैध खरीद-फरोख्त की सूचनाएं मिल रही थीं।
ऐसे रची गई पूरी साजिश
प्रशासन को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि जिला अस्पताल के बाहर खुलेआम खून की सौदेबाजी हो रही है। जिसके बाद एसडीएम ने एक व्यक्ति को फर्जी ग्राहक बनाकर अस्पताल भेजा। दलाल से बातचीत के बाद एक यूनिट खून का सौदा साढ़े चार हजार रुपये में तय हुआ। एसडीएम की टीम ने पहले ही नोटों के नंबर दर्ज कर लिए थे। जैसे ही दलाल ने 4,500 रुपये लिए और डोनर बुलाने व ब्लड सैंपल देने की बात कही, प्रशासनिक टीम ने उसे मौके पर ही दबोच लिया। आरोपी के पास से वही रकम बरामद की गई, जो सौदे में दी गई थी।
अस्पताल स्टाफ तक जांच की आंच
एसडीएम की इस कार्रवाई के बाद से कई गंभीर सवाल खड़े होने लगे है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अस्पताल के ठीक बाहर खून की दलाली कैसे हो रही थी? और क्या इसमें ब्लड बैंक या अस्पताल के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत है? प्रशासन अब पूरे नेटवर्क की जांच में जुट गया है। माना जा रहा है कि यह सिर्फ एक दलाल नहीं, बल्कि संगठित गिरोह का हिस्सा हो सकता है।
आपको बता दें कि एक तरफ HIV संक्रमित खून चढ़ाने जैसे गंभीर मामले ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है, वहीं दूसरी ओर यह दलाली कांड अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गहरे सवाल खड़े कर रहा है।