Mexican prickly poppy : नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) की रिपोर्ट के अनुसार, सत्यानाशी पौधा अनेक औषधीय गुणों से भरपूर है। यह पौधा संक्रामक रोगों, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोगी माना जाता है।
महाराष्ट्र में पाया जाता है
सत्यानाशी पौधा आमतौर पर महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र की उजाड़ भूमि में पाया जाता है। इसका उपयोग ओरल कैविटी इंफेक्शन यानि मुंह के छालों के उपचार में भी किया जाता है।
एंटीफंगल और एंटीकैंसर गुण
इस पौधे के तने और पत्तियों से ठंडा जलीय और मेथनॉलिक अर्क तैयार किया जाता है। रिसर्च में पता चला है कि इस पौधे के तले और पत्तियों के अर्क में बेहद पावरफुल एंटीफंगल और एंटीकैंसर गुण होते हैं।
आयुर्वेद में उपयोग
आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली में 2000 साल पहले से सत्यानाशी का पौधा उपचार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। कई आयुर्वेद चिकित्सकों का दावा है कि कैंसर और एचआईवी एड्स जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने में भी यह पौधा असरदार साबित हो सकता है।
एंटी-कैंसर गुण
कई अध्ययनों में यह भी पाया गया कि सत्यानाशी प्लांट की पत्तियों में एंटी-कैंसर गुण होते हैं। हालांकि, इस पौधे का सेवन अपनी मर्जी से नहीं करना चाहिए और आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
ध्यान रखें:
- सत्यानाशी पौधे का उपयोग केवल आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करें।
- इस पौधे का अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक हो सकता है।
- गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को इस पौधे का सेवन नहीं करना चाहिए।