निवाड़ी। राम तो अयोधिया में विराजे हैं, लेकिन पहले से ही दूसरी अयोध्या का नाम से जाने जाते ओरछा में राम जी की एक अलग ही छवि विराजमान है। यहां राम अपने राजा स्वरूप में विराजित हैं। रामनवमी के मौके पर एक ओर जहां पूरा देश अपने राम के स्वागत और पूजा में लगा था, वहीं भक्तों का एक सैलाब ओरछा के राम मंदिर में भी उमड़ा था। यहां का नजारा आज काफी मनोरम और भक्तिविभोर देखने को मिला। आज इस मंदिर के पट दोपहर 12 बजे खोले गए, जब श्री राम का जन्म हुआ सभी पट खुलने के साथ प्रतीक्षा में खड़े भक्तों ने राम नाम के नारे लगाना शुरू कर दिया।
12 बजे खोला पट
बुंदेलखंड की दूसरी अयोध्या कहे जाने वाली भगवान रामराजा सरकार की नगरी ओरछा में आज श्रीराम जन्मोत्सव कार्यक्रम बडे उत्साह एवं धूमधाम मनाया गया। आज सुबह रामराजा सरकार का मंदिर अपने सामान्य समय की बजाय दोपहर 12 बजे खोला गया। इस दौरान रामभक्त अपने आराध्य के दर्शन करने सुबह से ही कतारों में इंतजार करते खड़े रहे। जैसे ही 12 बजे भगवान रामराजा सरकार का जन्म हुआ वैसे ही मंदिर के पट दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए। भक्तों ने जय श्रीराम के उद्घोष करते हुए मंदिर में प्रवेश किया और अपने रामलला के दर्शन किए। मंदिर के अंदर कई धर्म गुरुओं और संतों की उपस्थिति में राम जन्म का विशाल कार्यक्रम मंदिर में किया गया।
प्रतिबंधित है फोटो खिंचवाना
मान्यता अनुसार भगवान रामराजा सरकार यहां राजा के रूप में विराजित हैं। यहां उनकी और मंदिर की मर्यादा अनुरूप आज भी मंदिर के अंदर फोटो खींचना एवं वीडियो बनाना पूर्णतः वर्जित है। भगवान के जन्म लेने पर लड्डुओं का प्रसाद सभी भक्तों में वितरित किया गया। इस अवसर पर रामराजा सेवा समिति द्वारा नगर में रामनवमी की भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई। जिसमें युवा कलाकार भगवान श्री राम, लक्ष्मण व सीता माता के प्रतीकात्मक रूप में बग्गी पर सवार रहे। इनकी जगह-जगह नगरवासियों द्वारा आरती भी उतारी गई। शोभायात्रा में नगरवासियों के साथ ही बाहर से आए श्रद्धालुओं ने भी नाचते-गाते उत्साह के साथ भाग लिया।
और दो दिन लगा रहेगा भक्तों का तांता
पारंपरिक रूप से यहां पर तीन दिवसीय आयोजन किया जाता है। 17 अप्रैल को श्रीराम नवमी के पर्व पर दोपहर 12 बजे जहां विधि-विधान से भगवान के जन्मोत्सव की रस्म अदा की जाती है। इसी दिन इनकी शोभायात्रा भी निकाली जाती है। यहां पर निकाली जाने वाली शोभायात्रा की खास बात यह होती है कि यहां पर मां कौशल्या की जगह रानी कुंवर गणेश की झांकी सजाई जाती है। वहीं 18 अप्रैल की सुबह 5 बजे मंगला आरती होगी। 19 अप्रैल को भगवान की पालना झांकी सजाई जाएगी और हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचेंगे। श्रीराम नवमी के बाद की मंगला आरती का यहां पर विशेष महत्व होता है। वर्ष में दो बार ही भगवान की मंगला आरती की जाती है। आज इस मौके पर राम भक्तों का तांता लगा ही रहा, लेकिन अभी और दो दिन इसी प्रकार मंदिर में भक्तों की भीड़ देखने को मिलेगी।