रायपुर: छत्तीसगढ़ में आज कांग्रेस पार्टी 'बोरे बासी दिवस' मना रही है। कांग्रेस ने कहा कि बोरे बासी दिवस से छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देना है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) अध्यक्ष दीपक बैज ने कार्यकर्ताओं को बोरे बासी खाकर उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया में साझा करने के निर्देश दिए हैं।
पूर्ववर्ती सरकार ने की थी शुरुआत:
गौरतलब है कि 'बोरे बासी दिवस' की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में की गई थी। इसे एक सांस्कृतिक पहल बताया गया था, जो राज्य की जड़ों से जुड़ाव और श्रमिकों की मेहनत के सम्मान का प्रतीक मानी जाती है।
विपक्ष का तंज: ‘राजनीति और भ्रष्टाचार का साधन’:
इस आयोजन पर विपक्ष ने निशाना साधा है। बीजेपी के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने बोरे बासी दिवस को "राजनीति और भ्रष्टाचार का नया जरिया" बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि अब तक कितनी बार यह दिवस मनाया गया और इसके लिए कितनी राशि खर्च हुई। उनका कहना है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए और सभी खर्चों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
डिप्टी सीएम अरुण साव का कटाक्ष:
राज्य के डिप्टी सीएम अरुण साव ने भी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि बोरे बासी छत्तीसगढ़ और उड़ीसा की प्राचीन परंपरा है, और कांग्रेस इसे राजनीति का हथियार बना रही है। उन्होंने कांग्रेस को परंपरा पर राजनीति करने से परहेज करने की नसीहत दी।
कांग्रेस का पलटवार: 'संस्कृति को अपमानित कर रही बीजेपी':
पूर्व पीसीसी प्रमुख धनेंद्र साहू ने बीजेपी के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि बोरे-बासी का छत्तीसगढ़ की संस्कृति में अहम स्थान है, हमारे श्रमिकों के बीच यह बेहद लोकप्रिय आहार है। अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाना हमारा दायित्व है, बीजेपी की मानसिकता छत्तीसगढ़ विरोधी है। जिनका जैसा दृष्टिकोण होता है वह वैसा ही देखते हैं। बोरे बासी खाने पर हमें गर्व है, इसे और आगे बढ़ाना चाहिए।